loader

दिल्ली हिंसा : किसी को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया है पुलिस ने?

ट्रंप के दिल्ली पहुँचने के एक दिन पहले वहाँ हुई हिंसा के बाद सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस ने अब तक किसी को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया है। सवाल उठता है कि आख़रि किसके इशारे पर हिंसा करने वालों को छूट दी जा रही है। 
दिल्ली से और खबरें
ये सवाल इसलिए उठते हैं कि नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों को ठीक एक दिन पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने वह जगह खाली करने की चेतावनी दी थी।
कपिल मिश्रा ने यह भी कहा था कि यदि दिल्ली पुलिस तीन दिनों को अंदर उस जगह को खाली नहीं करवाएगी तो वह स्वयं खाली करवा लेंगे।
सोमवार को भी कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ उस जगह गए और वहाँ नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में जुलूस निकाला। इसके बाद नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने वालों और उसके समर्थकों के बीच पथराव हुआ। उसके बाद गोली चली और हिंसा हुई। 
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी का मानना है कि ट्रंप के दिल्ली पहुँचने के एक दिन पहले वहाँ हिंसा सोची समझी साजिश का नतीजा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 
लेकिन दिल्ली पुलिस ने अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया है। गोली चलाने वाले की पहचान हो चुकी है, पर पुलिस ने अब तक उसे भी गिरफ़्तार नहीं किया है। ऐसे में पुलिस पर शक गहरा हो जाता है। 
दूसरी ओर, कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा है कि हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं निकलता है, इसलिए हिंसा बंद होनी चाहिए। 

क्या कहना है ओवैसी का?

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहाद-ए-मुसलिमीन के प्रमुख और सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने इसके लिए कपिल मिश्रा को ज़िम्मेदार माना है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'ये दंगे बीजेपी नेता और एक पूर्व विधायक के भड़काने का नतीजा हैं। पुलिस के शामिल होने के भी स्पष्ट सबूत हैं। इस पूर्व विधायक को तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। हिंसा नियंत्रित करने के लिए तुरंत क़दम उठाए जाने चाहिए।'
यह अहम है कि जिन इलाक़ों में हिंसा हुई है, वहाँ मुसलमानों की बड़ी आबादी रहती है। 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लेफ्टिनेंट गवर्नर और गृहमंत्री से शांति व्यवस्ता बनाए रखने की अपील की है। 
दिल्ली के लेफ़्टीनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

कपिल मिश्रा इसके पहले भी आपत्तिजनक और उकसावे वाले बयान देते रहे हैं। उन्होंने दिल्ली चुनाव के पहले अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था, जिसमें उन्होंने नारा लगाया था, 'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को।' 

चुनाव आयोग ने इसके बाद कपिल मिश्रा के चुनाव प्रचार पर दो दिनों की रोक लगा दी थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें