गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। विपक्ष के कई नेता भी वहां थे। आम जनता में बेहद लोकप्रिय पर्रीकर को अंतिम विदाई देने के लिए हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ी। दूसरी ओर, अगले मुख्यमंत्री के रूप में गोवा के मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत के नाम पर अंतिम मुहर लग गई है। रात नौ बजे वह पद और गोपनीयता की शपक्ष लेंगे। उनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी होंगे।
नाटकीय मोड़
इस घटनाक्रम में नाटकीय मोड़ आया जब कांग्रेस ने सबसे बड़े दल होने का दावा करते हुए सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहा। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने कांग्रेसी नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया। पर बाद में वह उनसे मिलीं।पिछले कुछ दिनों से पर्रिकर की तबीयत ज़्यादा ख़राब रहने लगी थी। इसके बाद उन्हें गोवा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। पर्रिकर के निधन पर देश में चारों ओर गम का माहौल है। राजनीति, सिनेमा, खेल और कला जगत से जुड़ी हस्तियों ने पर्रिकर के निधन पर गहरा दुख जताया है। पर्रिकर सियासत में सादगी की जीती-जागती मिसाल थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर पर्रिकर को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि गोवा और देश के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सांसद किरण खेर, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है।
'आधुनिक गोवा के निर्माता'
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मनोहर पर्रिकर आधुनिक गोवा के निर्माता थे। अपने सरल स्वभाव की वजह से वह वर्षों तक राज्य के पसंदीदा नेता बने रहे।कैंसर से जूझने के बाद भी पर्रिकर मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभा रहे थे। नाक में ड्रिप लगाए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। हाल ही में गोवा का बजट पेश करने से पहले पर्रिकर ने कहा था, ‘मैं जोश और पूरी तरह होश में हूँ।' गोवा में बीजेपी को सत्ता तक पहुँचाने में पर्रिकर का बड़ा योगदान रहा है।
13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रिकर ने 1978 में आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। पर्रिकर पहली बार 1994 में पणजी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह चार बार इस सीट से जीते। पर्रिकर का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़ाव रहा था। 2000 में वह पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने।
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