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गोवा: बीजेपी-कांग्रेस में सीधी टक्कर, आप-टीएमसी भी चुनावी जंग में कूदे

तटीय राज्य गोवा में भी विधानसभा चुनाव को लेकर खासी गहमागहमी है। यहां सरकार चला रही बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में सीधी टक्कर है लेकिन टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने भी पूरा जोर लगाया हुआ है। इससे यह चुनाव काफी रोमांचक हो गया है। यहां की राजनीति नॉर्थ और साउथ गोवा में बंटी हुई है। गोवा में फरवरी-मार्च, 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में बीजेपी के पास 27 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक उसके साथ है। जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ़ चार विधायक हैं। गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी के पास तीन, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और एनसीपी के पास भी एक-एक विधायक है। विधानसभा में दो निर्दलीय विधायक भी हैं। 

2017 के चुनाव में बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन बीजेपी ने जोड़-तोड़ कर सरकार बना ली थी। 

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कांग्रेस में हुई थी बड़ी टूट

गोवा में बीजेपी को वापसी की उम्मीद है। पिछली बार उसने कांग्रेस के विधायकों में सेंध लगाई थी और 15 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे थे। बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गोवा का प्रभारी बनाया है। 

TMC and AAP in Goa election 2022 - Satya Hindi

शाह ने किया दौरा

बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और राज्य बीजेपी के अध्यक्ष सदानंद तानावडे पार्टी की जीत के लिए जोर लगा रहे हैं। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्य का दौरा कर पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की थी। बीजेपी क्षेत्रीय दल एमजीपी के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही है। मनोहर पर्रिकर जैसे बड़े नेता की कमी भी बीजेपी को खलेगी। 

छोटे राज्यों पर फ़ोकस 

टीएमसी और आम आदमी पार्टी अपने सियासी विस्तार के लिए छोटे राज्यों की ओर ज़्यादा फ़ोकस कर रहे हैं। इन दलों की कोशिश राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने की है इसलिए ये अपने आधार वाले राज्यों से बाहर भी हाथ-पैर मार रहे हैं। दोनों दलों की कोशिश है कि गोवा में किसी तरह सरकार बना ली जाए। इसके लिए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। इन दोनों दलों के चुनाव मैदान में आने से इस तटीय राज्य का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। 

TMC and AAP in Goa election 2022 - Satya Hindi

फलेरो टीएमसी के साथ 

कांग्रेस को अपने पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरो के पार्टी छोड़ने की वजह से करारा झटका लगा है। गोवा कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडाणकर का कहना है कि गोवा के लोग इस बार भी कांग्रेस को वोट देंगे। उन्होंने कहा कि पिछली बार जनादेश को चोरी कर लिया गया था। राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले राज्य का दौरा कर कार्यकर्ताओं को चुनाव में जुटने का निर्देश दिया है।

लेकिन कांग्रेस की मुश्किल टीएमसी और आम आदमी पार्टी दोनों हैं। पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरो के टीएमसी में जाने के कारण कांग्रेस को नुक़सान हो सकता है।

टीएमसी ने नामी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को भी पार्टी में शामिल किया है। ममता बनर्जी का इस छोटे राज्य में तीन दिन तक रुकना इस बात को बताता है कि वह यहां सरकार बनाना चाहती हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम भी यहां ममता बनर्जी के लिए काम कर रही है। 

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दौरा कर रहे केजरीवाल 

इसके अलावा अरविंद केजरीवाल भी लगातार गोवा का दौरा कर रहे हैं। यहां वे कांग्रेस पर हमलावर रहे हैं। केजरीवाल का कहना है कि गोवा में कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे और मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी यही हुआ था। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी गोवा में पूरी ताक़त के साथ चुनाव लड़ेगी। 

TMC and AAP in Goa election 2022 - Satya Hindi
मार्च, 2017 में हुए गोवा के पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जोर-शोर से उतरी थी लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पूर्व नौकरशाह एल्विस गोम्स तक चौथे नंबर पर रहे थे। लेकिन इस बार पार्टी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। 
गोवा में हर सीट पर 20 से 25 हज़ार वोटर हैं। ऐसे में यहां जीत के लिए पूरा जोर लगाना पड़ेगा क्योंकि आमतौर पर हार-जीत का फासला कुछ ही वोटों के अंतर से होता है। राज्य में हिंदू के साथ ही ईसाई मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं।

निश्चित रूप से टीएमसी और आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने से बीजेपी को मदद मिलेगी। लेकिन कोरोना काल के दौरान हुई बदइंतजामियों, बढ़ती महंगाई बीजेपी के लिए मुद्दा बनी हुई है। उपचुनाव के नतीजों में भी उसे इसका पता चल गया है। 

विजय सरदेसाई की गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी का भी कुछ सीटों पर अच्छा आधार है। एनसीपी और शिव सेना भी गोवा में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी

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