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गुजरात के जामनगर में मिला भारत में ओमिक्रॉन का तीसरा मामला

गुजरात के जामनगर में ओमिक्रॉन का तीसरा मामला मिला है। 71 साल का एक शख़्स 28 नवंबर को जिम्बाब्वे से जामनगर लौटा था और 2 दिसंबर को उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। इसके सैंपल को जीनोम सीक्वेन्सिंग के लिए भेजा गया था। इसमें सामने आया है कि यह शख़्स ओमिक्रॉन से संक्रमित है। 

कर्नाटक में ही इस वैरिएंट से संक्रमण के दो मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक शख़्स अफ्रीका का ही है और वह भारत छोड़कर जा चुका है जबकि दूसरा शख़्स बेंगलुरू का है। 

गुजरात के स्वास्थ्य महकमे के अफ़सर ने एएनआई को बताया कि इस शख़्स को आइसोलेट कर दिया गया है और जहां यह रहते हैं, वहां पर एक माइक्रो कन्टेन्मेंट ज़ोन बना दिया गया है। इस इलाक़े में स्वास्थ्य महकमा लोगों की जांच करेगा। 

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ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचने के लिए भारत सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस भी लागू कर दी गई हैं। कोरोना वैरिएंट के ‘ख़तरे’ वाले देशों से आने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है और उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है। सरकार ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फ़ैसले को भी वापस ले लिया है। 

ग़ायब हो रहे लोग

ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे के बीच देश में कई जगहों से इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि विदेशों से आए लोग ग़ायब हो गए हैं। इस तरह का एक वाकया उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी सामने आया है। 

यहां 13 लोग ऐसे हैं जो बीते दिनों में विदेश से लौटे हैं लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। इन लोगों ने प्रशासन को अपने पते भी ग़लत दिए हैं फिर भी इन्हें खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है। 

मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन ने एएनआई से कहा कि इन लोगों के द्वारा दी गई जानकारी को लोकल ख़ुफिया यूनिट को दिया गया है और कहा गया है कि इनकी तलाश की जाए कि ये कहां हैं। 

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कर्नाटक में कम से कम 10 लोग ऐसे हैं, जो बीते दिनों अफ्रीकी देशों से बेंगलुरू आए हैं, लेकिन अब उनका कहीं पता नहीं चल रहा है। यह निश्चित रूप से परेशान करने वाली बात है, क्योंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले अफ्रीका में ही मिला था। इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह बहुत तेज़ी से फ़ैलता है। 

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वायरस मिलने  के बाद वहां से 57 यात्री बेंगलुरू आए। लेकिन बेंगलुरू महानगर पालिका को इनमें से 10 लोगों का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के मोबाइल फ़ोन स्विच ऑफ़ हैं और ये लोग अपने दिए गए पते पर भी नहीं मिले हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी

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