loader

7 साल में सुनवाई तक नहीं हुई, कांडा को क्यों बचा रही है सरकार?

क्या ख़ुदकशी  के लिए उकसाने का आरोप झेल रहे विधायक गोपाल कांडा को सरकार बचा रही है? क्या सरकारी वकील जान बूझ कर मामले को लटकाए हुए हैं और सुनवाई से बच रहे हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज अजय कुमार कुहार ने साफ़ शब्दों मे कह दिया है कि मामले की सुनवाई में सरकार की दिलचस्पी नहीं है। 
सम्बंधित खबरें

क्या है मामला?

गोपाल कांडा के एमडीएलआर एअरलाइन्स की एअर होस्टेस गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को आत्महत्या कर ली। उन्होंने इसके पहले एक सुसाइड नोट लिख छोड़ा, जिसमें कांडा पर बलात्कार, यौन शोषण और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कांडा की सहयोगी अरुणा चड्ढा पर भी गंभीर आरोप लगाए।

इन दोनों पर मुक़दमा मई 2013 में शुरू हुआ। उन आरोपों में अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध का आरोप भी जोड़ दिया गया।  दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 जुलाई, 2013 को बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोपों को निरस्त कर दिया। पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप पर सुनवाई शुरू हई। 

नौ दिन चले ढ़ाई कोस

पर नौ दिन चले ढ़ाई कोस की तर्ज पर यह सुनवाई चल रही है। अब तक कोई ख़ास प्रगति नहीं हुई है। 

इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि विशेष जज कुहार ने निदेशक (अभियोजन) को ख़त लिख कर 3 अक्टूबर को बुलाया और उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के 23 सितंबर को बुलाने के बावजूद वे अदालत में पैश क्यों नहीं हुए। अजय कुहार ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा :

मुझे यह बेहद अजीब लग रहा है कि राज्य इस मामले की सुनवाई में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है कि निदेशक (अभियोजन) ने राज्य की ओर से सुनवाई से हाथ खींच लिए हैं। इस पर जवाब देते हुए निदेशक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने विशेष अभियोजक नियुक्त कर रखा है, ऐसे में वह अलग से किसी को नियुक्त नहीं कर सकते।


विशेष जज अजय कुमार कुहार

जज की तीखी टिप्पणी

इस पर गुस्सा हो कर अजय कुहार ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा : 

  • कल तीन गवाहों की सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि विशेष लोक अभियोजक (सरकारी वकील) अदालत नहीं आए।
  • इसके पहले 23 सितंबर को भी एक गवाह को लौटा दिया गया क्योंकि पब्लिक प्रोसेक्यूटर अदालत नहीं पहुँचे।
  • इसके पहले यह रिकॉर्ड में देखा गया कि अदालत में पेश नहीं होने पर सरकारी वकील पर 5 हज़ार रुपये का ज़ुर्माना ठोक दिया गया। उन्हें इससे एक बार छूट भी दी गई।
  • आज एक गवाह सुदूर हैदराबाद से दिल्ली की अदालत पहुँचा, पर आज भी सरकारी वकील नदारद थे। 

इसके साथ ही जज ने दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (गृह) को चिट्ठी लिख कर पूछा कि वह बताए कि इन स्थितियों में मुक़दमे की सुनवाई कैसे होगी। 

इसके बाद 11 अक्टूबर को यह एलान किया गया कि एक नए सरकारी वकील को नियुक्त किया गया है। दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त सरकारी वकील मनीष रावत को इस काम के लिए नियुक्त किया। इसके बाद साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग के लिए 27 और 28 अक्टूबर की तारीख तय की गई है। 
इस मामले में 94 गवाह हैं, जिनमें से 12 के नाम हटा दिए गए हैं। लेकिन अब तक सिर्फ़ 45 गवाहों की सुनवाई हुई है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें