मेघालय के राज्यपाल और पूर्व बीजेपी नेता सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर कृषि क़ानूनों का मुद्दा उठाया है और इस पर केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार व सत्तारूढ़ बीजेपी को अपरोक्ष रूप से आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने शनिवार को हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की खुले आम आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस पर माफ़ी माँगने को कहा है।
उन्होंने इसके साथ ही लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल के सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट को पद से हटाने की माँग की है।
सत्यपाल मलिक ने 'एनडीटीवी' से बात करते हुए कहा,
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मनोहर हाल खट्टर को किसानों से माफ़ी माँगनी चाहिए। वे किसानों पर लाठी चला रहे हैं। केंद्र सरकार ने बल का प्रयोग नहीं किया। मैंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वे बल का प्रयोग न करें।
सत्यपाल मलिक, राज्यपाल, मेघालय
मेघालय के राज्यपाल ने खुद को किसानों का बेटा बताते हुए कहा, "सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट को तुरत पद से हटा देना चाहिए। वह इस पद के लायक नहीं है, सरकार उनकी मदद कर रही है।"
मलिक ने कहा कि वे इससे भी निराश हैं कि सरकार ने आन्दोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार वालों को दिलासा देने के लिए कुछ नहीं किया है।
सरकार की आलोचना
उन्होंने कहा, "इस आन्दोलन में 600 किसान मारे जा चुके हैं, पर सरकार की ओर से किसी ने एक शब्द नहीं कहा है।"
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने इस बयान पर सरकार की प्रतिक्रिया की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा,
“
मुझे इस पद से प्यार नहीं है। मैं जो भी कहता हूँ, हृदय की गहराइयों से कहता हूँ। मैं किसानों के बीच लौट जाना चाहता हूँ।
सत्यपाल मलिक, राज्यपाल, मेघालय
बीजेपी को चेतावनी
बता दें कि सत्यपाल मलिक इसके पहले जम्मू-कश्मीर, बिहार और ओड़िशा के भी राज्यपाल रह चुके हैं।
राज्यपाल का पद संवैधानिक व अराजनीतिक माना जाता है, राज्यपालों से उम्मीद की जाती है कि वे किसी तरह की राजनीतिक बातें न कहें।
सत्यपाल मलिक ने 'एनडीटीवी' से बात करते हुए बीजेपी को राजनीतिक नुक़सान के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने कहा,
“
यदि यह आन्दोलन इसी तरह चलता रहा तो लंबे समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी हार जाएगी।
सत्यपाल मलिक, राज्यपाल, मेघालय
बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा के करनाल में शनिवार को पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज से ग़ुस्साए किसानों ने हाईवे और कई सड़कों को जाम कर दिया। हरियाणा में कई और जगहों पर किसान सड़क पर उतर आए।
जाम लगने की वजह से दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ और कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने रात को किसानों के गिरफ़्तार साथियों को रिहा कर दिया और इसके बाद किसानों ने भी जाम खोल दिया।
किसान यहां हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष ओपी धनखड़ के काफ़िले का विरोध करने के लिए जमा हुए थे, जैसे ही धनखड़ का काफिला बस्तारा टोल प्लाज़ा पर पहुंचा, आरोप है कि किसानों ने उनकी कार पर हमला किया। किसानों ने उस जगह पहुंचने की कोशिश की, जहां पर धनखड़ बैठक लेने जा रहे थे। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
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