loader

सुना आपने! बाढ़ में बह गई काले धन की जानकारी!

सुना आपने! काले धन की सारी जानकारी बाढ़ में बह गई! मामला अपने देश का नहीं, बल्कि ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड का है, जहाँ छह सौ से ज़्यादा भारतीयों के खाते होने की ख़बर लीक हुई थी। यह जानकारी बिज़नस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट से मिली है।

बदनाम है ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड

ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड काले धन के खातों के लिए दुनिया भर में बदनाम जगह है, जहाँ तमाम ऐसे लोगों के गुप्त खाते हैं, जो अपने देश में टैक्स चोरी कर अपना धन विदेश में रखते हैं। भारतीय इनकम टैक्स विभाग काफ़ी समय से यहाँ भारतीयों के गुप्त खातों की जानकारी पाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के अधिकारियों का कहना है कि अगस्त 2017 में आई बाढ़ में खातों के सारे रिकॉर्ड या तो बह गए या लापता हो गए। अब उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिसे वे भारत सरकार से साझा कर सकें।

खातों की जानकारी हुई थी लीक

ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में 612 भारतीयों के खातों की जानकारी 2013 में 'इंटरनैशनल कंसोर्शियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' की खोजबीन के बाद लीक हुई थी। इस लीक के बाद इनकम टैक्स विभाग ने अपनी छानबीन में 110 अरब रुपये के अघोषित धन का पता लगाया था और 20 भारतीयों के विरुद्ध टैक्स चोरी और काले धन की जमाख़ोरी के मामले दर्ज किए थे।
तब से इनकम टैक्स विभाग इन खातों के बारे में जानकारी पाने की कोशिशों में लगा है। इसी सिलसिले में इनकम टैक्स अधिकारियों की एक टीम ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड भी गई थी। लेकिन जैसा कि अख़बार की रिपोर्ट में लिखा बताया गया है, टीम को वहाँ बताया गया कि बाढ़ में सब कुछ बह चुका है और कोई रिकॉर्ड बचा नहीं है। सो टीम ख़ाली हाथ वापस लौट आई।
black money information gets flood shock - Satya Hindi

जानकारी जुटाने में आएगी मुश्किल

भारतीय अफ़सरों का मानना है कि ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के इस रवैये से न केवल उन 612 भारतीयों के बारे में जानकारी पाना मुश्किल हो गया है, जिनके खाते वहाँ होने की जानकारी लीक हुई थी, बल्कि पनामा और पैराडाइज़ पेपर लीक मामलों में सामने आए हज़ारों अन्य भारतीयों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में बाधा आएगी। पनामा पेपर लीक में कई बड़े उद्योगपतियों और जानी-मानी हस्तियों के नाम सामने आए थे।इनकम टैक्स अफ़सरों का कहना है कि इन तीनों मामलों में जितने भारतीयों के नाम सामने आए हैं, उनके खाते ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के अलावा सिंगापुर, लन्दन, केमेन आइलैंड और गर्नसी आइलैंड में होने की जानकारी है और इनमें से बहुत-से खाते सीधे या परोक्ष रूप से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड से किसी न किसी रूप में जुड़ते हैं।

500 भारतीयों के नाम आए थे

2016 में पनामा पेपर लीक में क़रीब पाँच सौ भारतीयों के नाम आए थे। ये जानकारी मोज़क फ़ोन्सेका नाम की लॉ फ़र्म के दस्तावेज़ों के ज़रिए बाहर आई थी। इसमें इनकम टैक्स विभाग ज़्यादा नहीं, सिर्फ़ 10 अरब रुपये के काले धन की ही पुष्टि कर पाया था। 2017 में पैराडाइज़ पेपर लीक में 714 भारतीयों के नाम आए थे। इसमें अभी छानबीन चल ही रही है।इनकम टैक्स विभाग इन पाँचों जगहों यानी लन्दन, सिंगापुर, केमेन, गर्नसी और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड से भारतीयों के खातों के बारे में जानकारी पाने की कोशिशें कर रहा है। लेकिन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के 'बाढ़  वाले बहाने' से उसकी कोशिशों को भारी झटका लगा है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें