loader

बैंक बंद होने पर जमाकर्ताओं को पाँच लाख तक 90 दिनों में वापस

किसी बैंक के बंद होने, उसमें घपला होने या उसके कामकाज पर रोक लगाए जाने पर जमाकर्ताओं को पाँच लाख रुपए तक की रकम 90 दिनों के अंदर मिल जाएगी। 

केंद्र सरकार ने इसके लिए डिपोजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका एलान करते हुए कहा कि 98.3 प्रतिशत जमाकर्ता इस संशोधन अधिनियम में आ जाएंगे। 

ख़ास ख़बरें
बता दें कि डीआईसीजीसी भारतीय रिज़र्व बैंक की एक आनुषंगिक संस्था है, जिसकी स्थापना बैंक में पैसे जमा करने वालों की सुरक्षा के लिए गारंटी देने के लिए की गई है। 
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक, यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक जैसे बैकों के बंद हो जाने से जमाकर्ताओं का अरबों रुपया डूब गया। इसे दखते हुए यह नियम बेहद अहम है।

ज़्यादातर जमाकर्ताओं को फ़ायदा

इस स्कीम के तहत सार्वजनिक, निजी, सहकारी व विदेशी, हर तरह के बैंक आएंगे और इससे बहुत बड़ी संख्या में जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित हो जाएंगे। 

मंत्री अनुराग ठाकुर ने  कहा, "डिपोजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की स्थापना रिज़र्व बैंक की ओर से बैंकों पर रोक लगाने के बाद जमाकर्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने के लिए किया गया है। कैबिनेट की बैठक में यह तय किया गया कि पाँच लाख तक की जमा रकम जमाकर्ताओं को 90 दिनों के अंदर दे दी जाए।" 

इससे उन लोगों को फ़ायदा होगा जिनकी पहुँच बैंकों के जमा तक नहीं होती है, लेकिन वे पैसे बैंकों में जमा करते हैं। बैंक डूबने पर उन्हें पैसा नहीं मिलता है, उसके पैसे डूब जाते हैं। 

बता दें कि ईडी ने अक्टूबर, 2019 में पीएमसी बैंक में हुए कथित लोन फर्जीवाड़े का मामले में हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर्स राकेश कुमार वधावन, उनके बेटे सारंग वधावन, पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था। 

इस मामले में ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज एफ़आईआर का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। एफ़आईआर में कहा गया था कि पीएमसी बैंक को 4,355 करोड़ का नुक़सान हुआ है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें