वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुधारों का एलान करते हुए कहा है कि श्रम क़ानूनों को और उदार बनाया जाएगा। उन्होंने इसका एलान करते हुए कहा कि तय समय के लिए लोगों को नौकरियों पर रखने की छूट दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि कंपनियों को यह छूट मिलेगी कि वे चाहें तो पूरे समय के लिए नौकरी पर न रख कर तय समय के लिए ही लोगों को रखें। इससे कंपनियों को 'हायर और फ़ायर' यानी मन मुताबिक नौकरी पर रखने और नौकरी से निकालने की छूट मिल जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुधारों का एलान करते हुए कहा कि यह सतत प्रक्रिया है और जारी रहेगी। उन्होंने कई नए कदमों का एलान करते हुए कहा कि व्यापार को और सुगम बनाने के लिए कई स्तर पर कदम उठाए जाएँगे। उन्होंने जीएसटी को और आसाना बनाने और कर प्रणाली को दुरुस्त करने पर भी ज़ोर दिया।
मंदी की बात मानी वित्त मंत्री ने
वित्त मंत्री ने आर्थिक मंदी की बात कबूल करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में हर अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है। विकासशील देश ही नहीं, विकिसत देश भी इसकी चपेट में हैं। पूरी दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद बढ़ने की दर अब 3.2 प्रतिशत कर दी गई है। हमने ही नहीं, कई संगठनों और संस्थानों ने कहा है कि पूरी दुनिया में माँग कम हो रही है।
'सीएसआर उल्लंघन अपराध नहीं'
निर्मला सीतारमण ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि कॉरपोरेट घरानों को सामाजिक दायित्वों का पालन करना चाहिए, पर इसे अपराध नहीं माना जाएगा। जो लोग इसका उल्लंघन करेंगे, उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामला नहीं चलेगा, पर उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जा सकती है। बैंक
वित्त मंत्री ने कहा कि अब जब कभी रेपो रेट यानी जिस दर पर रिज़र्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देता है, उस दर में कटौती होगी, उसे सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि बैंकों को अपनी ब्याज दर घटानी होगी, जिसका फ़ायदा कर्ज लेने वालों को मिल सके। इससे आम जनता को कम मासिक किश्त यानी ईएमआई चुकाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि फ़िलहाल 70,000 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं और वह सीधे कॉरपोरेट कंपनियों और आम जनता को मिल सकता है। जीएसटी सुधार
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी प्रणाली में सुधार किया जाएगा। टैक्स स्लैब कम किए जाएँगे, उनमें फेरबदल कर उसका सुधार किया जाएगा। जीएसटी रिटर्न आसान बनाया जाएगा और इसमें एमएसएमई यानी माइक्रो, स्माल और मझोले उद्योगों को जीएसटी रिटर्न 30 दिनों के अंदर मिल जाए, इसका ख़्याल रखा जाएगा। दूसरी कंपनियों को 60 दिनों के अंदर जीएसटी रिटर्न मिल जाएँ, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
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