loader

चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक ने किया बर्ख़ास्त, जाँच में दोषी पाई गईं

आईसीआईसीआई बैंक ने अपने पूर्व कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर का लंबे समय तक बचाव करने के बाद बुधवार को उन्हें नौकरी से निकाल दिया। बैंक ने एक बयान में कहा है कि कोचर को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाने के बाद उनके इस्तीफ़े को नौकरी से निकालने के समान ही माना जाएगा। बैंक ने एक बयान में कहा है कि जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्ण की अगुआई में बनी कमेटी ने वीडियोकॉन मामले में कोचर को बैंक की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है। 
श्रीकृष्ण कमेटी का गठन यह पता लगाने के लिए किया गया था कि क्या वीडियोकॉन समूह को क़र्ज़ दिए जाने और कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी में वीडियोकॉन प्रमुख वेणुगोपाल धूत के निवेश के बीच कोई रिश्ता है। कमेटी ने कहा है कि इस मामले में बैंक के पूर्व प्रमुख ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। बैंक ने एक बयान जारी कर कहा है कि इसके बाद चंदा कोचर के इस्तीफ़े को नौकरी से निकालने के समान ही माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि चंदा कोचर को जो पैसे या बकाया या सुविधाएँ इस्तीफ़े के बाद भी मिल सकती थीं, वे अब उन्हें नहीं मिलेंगी। 
चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की क़र्ज़ मंज़ूर करने वाली समिति की प्रमुख थीं। उन्होंने वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये के क़र्ज़ की मंजूरी दी। इसमें बड़ा हिस्सा बाद में एनपीए हो गया, यानी इस पर बैंक को किश्त मिलना  बंद हो गया। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसके बाद वीडियोकॉन के मालिक धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक की कंपनी न्यूपावर रीन्यूअल्स में 65 करोड़ रुपये का निवेश किया। लेकिन कुछ महीने बाद ही उन्होंने ये शेयर न्यूपावर को बेच दिए, वह भी कम कीमत  पर। इसके बाद यह संदेह उठा कि दोनों में कोई रिश्ता तो नहीं है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें