loader

सबको लुभाने की कोशिश है अंतरिम बजट 2019

पीयूष गोयल ने वित्तीय वर्ष 2019-202 के लिए जो अंतरिम बजट पेश किया, वह पूर्ण बजट की तरह ही है और पूरी तरह चुनाव को ध्यान में रख कर ही तैयार किया गया है। इसमें मध्यवर्ग, किसान, मजदूर, महिला, युवा, अनुसूचित जाति-जनजाति, कारपोरेट तमाम वर्गं का ख्याल रखने का दावा किया गया है। पर विश्लेषण करने से लगता है कि सरकार जो दावे कर रही है, वैसा पूरी तरह नहीं हो पाएगा। पेश हैं बजट की मुख्य बातें: 

टैक्स

  • 1.सालाना पांच लाख रुपये से कम आमदनी पर कोई आयकर नहीं। 
  • 2.कैपिटल टैक्स में छूट एक घर के बदले अब दो घरं पर।
  • 3.आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग 24 घंटे के अंदर। 

कृषि

  • 1.छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपये दिए जाएँगे।
  • 2.इस स्कीम पर सालाना 75,000 करोड़ रुपए ख़र्च होंगे। 
  • 3.प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को क़र्ज के ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट। यदि उन्होंने समय पर भुगतान कर दिया तो अतिरिक्त 3 प्रतिशत की छूट। यानी, कुल 5 प्रतिशत की छूट। 
  • 4.पशुपालन और मछलीपालन करने वालों को भी क़र्ज़ के ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट।

ग्रामीण क्षेत्र

  • 1.ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कें बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-2020 के दौरान 19,000 करोड़ रुपये का आबंटन। 
  • 2.महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी एक्ट (मनरेगा) के लिए 60,000 करोड़ रुपये।

रोज़गार निर्माण

  • 1.असंगठित वर्ग के मजदूरों के लिए विशेष पेंशन स्कीम।
  • 2. 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन। इसके लिए उन्हें हर महीने 100 रुपये जमा कराने होंगे। 
  • 3.इसके तहत 10 करोड़ कर्मचारियों को फ़ायदा।  

जीएसटी

  • 1.घर खरीदने वालोें को जीएसटी में राहत देने के लिए विचार करने पर विशेष कमेटी का गठन। 
  • 2.छोटे और मझोले उद्यम को 1 करोड़ रुपये तक के क़र्ज़ पर ब्याज में 2 प्रतिशत तक की छूट।

अर्थव्यवस्था

  • 1.हर महीने 97,100 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली। 
  • 2.सरकार पर कुल क़र्ज 7.04 लाख करोड़ रुपये। 

वित्तीय स्थिति

  • 1.वित्तीय घाटा सकल घरेलू अनुपात का 3.4 प्रतिशत। लक्ष्य था 3.3 प्रतिशत।
  • 2.अगले साल वित्तीय घाटा 3 जीडीपी के 3 प्रतिशत तक आने की संभावना।
  • 3.चालू खाता घाटा जीडीपी का 2.5 प्रतिशत।
  • 4.रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा होने की संभावना। 
  • 5.'वन रैंक वन पेंशन' स्कीम के तहत ख़त्म हो रहे वित्तीय वर्ष में 35,000 करोड़ रुपये दिए गए। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें