पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष आर्थिक पैकेज को बिग ज़ीरो क़रार दिया है।
ममता बनर्जी ने निर्मला सीतारमण पर ज़ोरदार हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी घोषणाओं में ऐसा कुछ नहीं कहा, जो आम जनता को फ़ायदा पहुँचाता हो।
- तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने कहा कि इस पैकेज में राज्यों के लिए कुछ नहीं है, यानी किसी राज्य को एक रुपया नहीं मिला है। इसलिए यह 'बिग ज़ीरो' है।
- ममता बनर्जी ने कहा कि इस पैकेज में कोरोना से लड़ने के लिए कुछ नहीं है, न ही आम जनता के लिए कुछ है।
- उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने खपत बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
- ममता के अनुसार, सरकार ने पब्लिक स्पेंन्डिग यानी सरकारी खर्च नहीं बढ़ाया है जिससे अर्थव्यवस्था को बल मिल सकता था।
- प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणा कर आम जनता की आँखों में धूल झोंका है।
- सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी है। किसानों का क़र्ज़ माफ़ नहीं किया गया है।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्र ने भी पैकेज की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले के पैसे को भी इस पैकेज में जोड़ कर रकम ग़लत तरीके से बढ़ा कर पेश किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जो पैसे बता रही है, पैकेज में उसका आधा ही है।
याद दिला दें कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री की वीडियो बैठक राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई, उसमें कई राज्यों ने आर्थिक पैकेज की माँग की थी। इन मुख्यमंत्रियों ने कहा था कि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है, उसे दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को कुछ मदद करे। पर साफ़ है, किसी राज्य को कुछ नहीं मिला। ममता बनर्जी की आलोचना को इस परिप्रेक्ष्य में देखने की ज़रूरत है।
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा था कि केंद्र सरकार राज्यों की मदद करे। उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र कम से कम राज्यों का बकाया पैसा तो दे दे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब के हिस्से के जीएसटी का लगभग 3,600 करोड़ रुपए केंद्र के पास बकाया पड़ा है, मोदी सरकार वही दे दे।
केंद्र सरकार ने राज्यों सरकारों को कुछ नहीं दिया है। इस पर ममता बनर्जी जैसे विपक्षी शासित राज्य के मुख्यमंत्री का गुस्सा होना स्वाभाविक है।
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