कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर लॉकडाउन से जूझ रहे मझोले, लघु और सूक्ष्म (मीडियम, स्मॉल, माइक्रो यानी एमएसएमई) क्षेत्र की कंपनियों के लिए विशेष राहत की माँग की है।
आर्थिक पैकेज की सलाह
सोनिया गाँधी ने चिट्ठी में यह चेतावनी भी दी है कि यदि इन छोटे उद्यमियों की मदद नहीं की गई तो उनकी स्थिति बेहद ख़राब हो जाएगी और उसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ेगा।
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सोनिया गाँधी ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए का एमएसएमई वेतन सुरक्षा स्कीम लागू की जाए।
समझा जाता है कि इसके ज़रिए इन कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन का कुछ हिस्सा दिया जाए ताकि उद्यमी कोरोना संकट से उबर सकें।
क़र्ज़ देने की सलाह
कांग्रेस नेता ने इसके साथ ही इन उद्यमियों को क़र्ज़ देने की सुविधा और 24 घंटे की हेल्पलाइन चालू करने का सुझाव भी दिया।सोनिया गाँधी ने ख़त में इस ओर ध्यान दिलाया है कि इस क्षेत्र को रोज़ाना 30,000 करोड़ रुपए का नुक़सान हो रहा है।
याद दिला दें कि इसके पहले मोदी सरकार ने एक कोरोना राहत पैकेज का एलान किया था। मोदी सरकार ने 1 लाख 70 हज़ार करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस पैकेज की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये 50 लाख रुपये का बीमा किया जायेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ग़रीब अन्न कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीने तक ग़रीबों को 5 किग्रा मुफ्त चावल या आटा दिया जायेगा। इसके अलावा प्रति परिवार को 1 किग्रा दाल भी 3 महीने तक मिलेगी। बुजुर्गों, दिव्यांगों को अगले तीन महीने में 1 हजार रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे। मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है।’
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