loader

सरकारी बैंकों का पूरा क़र्ज़ चुकाने की पेशकश की विजय माल्या ने

भारत से भाग कर ब्रिटेन में शरण लिए हुए मशहूर शराब उद्योगपति व किंग फिशर एअरलाइन्स के मालिक विजय माल्या ने अपना पूरा बकाया क़र्ज़ चुका देने की पेशकश की है। उन पर सरकारी बैंकों का 9000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का क़र्ज़ है। 
विजय माल्या पर आरोप है कि उन्होंने अरबों रुपये का क़र्ज़ सरकारी बैंकों से लिया और भाग कर ब्रिटेन पहुँच गए। वहाँ उन्होंने भारत न भेजे जाने का मुक़दमा लड़ा और हार गए। 
अर्थतंत्र से और खबरें
अब विजय माल्या ने पेशकश की है कि वह पूरा बकाया चुका देंगे, बस उन पर चल रहे सारे मुक़दमे वापस ले लिए जाएं। 

माल्या ने प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, 'कोविड-19 राहत पैकेज के लिए बधाई! वे जितनी मुद्रा चाहें, छाप सकते हैं। पर क्या मुझ जैसे छोटे अंश दाता की लगातार उपेक्षा करना ठीक है, जो पेशकश कर रहा है कि सरकारी बैंकों का पूरा क़र्ज़ चुका देगा?'

विजय माल्या फ़िलहाल 6,50,000 ब्रिटिश पाउंड की ज़मानत पर हैं। वह लंदन में रहते हैं। भारत में उन पर आरोप है कि उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और दूसरे बैंकों के 9000 करोड़ रुपए कर्ज़ लेकर नहीं चुकाए, पैसे को दूसरी जगह निवेश किया, ग़लत तरीके से कंपनियों से निकाल लिया और ग़ैरक़ानूनी तरीके से विदेश भेज दिया।  
भारत में बैंकों की ओर से दबाव बढ़ने पर माल्या ने मार्च 2016 में देश छोड़ दिया था और अप्रैल 2017 से ही वह जमानत पर है। माल्या ने एक बार दावा किया था कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उनकी तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाक़ात हुई थी। वित्त मंत्री ने उनके इस दावे को ख़ारिज कर दिया था। माल्या के इस दावे के बाद भारत में काफ़ी हंगामा हुआ था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें