जम्मू-कश्मीर की ऊँची चोटियों पर हुई मुठभेड़ में 5 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना के 5 जवान भी इस ऑपरेशन में शहीद हो गए।
यह मुठभेड़ राज्य के कुपवाड़ा ज़िले में बर्फ से ढंकी पहाड़ियों पर हुई। भारतीय सेना विशेष फ़ोर्स के सैनिकों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
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बर्फ पर पाँव के निशान
भारतीय सेना विशेष बल को नियंत्रण रेखा के पास बर्फ पर पाँव के कुछ निशान 1 अप्रैल को दिखे थे। आतंकवादियों के प्रवेश को रोकने के लिए वहां लगाई गई कंटीली बाड़ बर्फ में दब गई थी। कई जगहों पर वह कंटीली तार कट भी गई थी। आतंकवादियों ने इसका फ़ायदा उठाया।आतंकवादियों ने इस खराब मौसम का उपयोग करने की योजना बनाई। भारतीय सेना ने इन आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ख़ास ऑपरेशन शुरू किया, 1 अप्रैल को उनका पता लगा भी लिया, पर जल्द ही ये आतंकवाद गायब हो गए।
अतिरिक्त बल को तैनात किया गया और पूरे इलाक़े को घेर लिया गया। सैनिकों ने 3 अप्रैल को आतंकवादियों का पता एक बार फिर लगा लिया। इसके बाद पैरा स्पेशल फ़ोर्स को बुलाया गया। इस बल के सैनिक अधिक प्रशिक्षित होते हैं। उन्हें तैनात किया गया।
ड्रोन का इस्तेमाल
एक अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा, ‘ड्रोन की मदद से उन आतंकवादियों की तसवीरें मिल गईं, उसके बाद विशेष बल के सैनिकों को हेलीकॉप्टर से उस जगह पहुँचाया गया।’सेना के अधिकारी ने कहा कि भारतीय सैनिकों का एक जत्था पाँव के निशान देखते हुए आगे बढ़ा, पर जिस जगह वे खड़े थे, वहां बर्फ धँस गई और सभी सैनिक नीचे नदी में जा गिरे। लेकिन जिस जगह वे गिरे थे, बिल्कुल उसी जगह पाकिस्तान आतंकवादी भी थे। ज़बरदस्त मुठभेड़ हुई, जिसमें 5 आतंकवादी मारे गए।
इसमें सभी 5 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इस ऑपरेशन का नाम था, ऑपरेशन रनदौरी बहक। इसमें शहीद हुए सैनिकों के नाम हैं, सूबेदार संजीव कुमार, हवलदार दवेंदर सिंह, सिपाही बाल कृष्ण, सिपाही अमित कुमार और सिपाही छत्रपाल सिंह।
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