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जम्मू-कश्मीर: विरोध के बाद पीछे हटा केंद्र, मूल निवासियों को ही मिलेगी सरकारी नौकरी

जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरियों के संबंध में जारी किये गये आदेश का जोरदार विरोध होने के बाद केंद्र सरकार को अपने क़दम पीछे खींचने पड़े हैं। केंद्र सरकार ने दो दिन पहले जारी किये गये अपने आदेश में समूह-4 तक की नौकरियों को ही राज्य के निवासियों के लिये आरक्षित किया था। 

इस आदेश का राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। इसमें बीजेपी भी शामिल थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से भी इसे लेकर चिंता जाहिर की गई थी। अब केंद्र सरकार ने अपने पुराने आदेश में संशोधन किया है और इसके मुताबिक़ अब राज्य की सभी सरकारी नौकरियां वहां के मूल निवासियों के लिये ही आरक्षित होंगी और मूल निवासी वे होंगे जो राज्य में 15 साल से रह रहे हैं। 

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सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार द्वारा अपने पुराने आदेश में किये गये संशोधन के बाद किसी को कोई शिकायत नहीं रहेगी। 

नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस तरह के आदेश की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाये थे। पीडीपी की ओर से कहा गया था कि इस आदेश के लागू होने के बाद यहां के लोगों को ढेरों परेशानियां होंगी। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ़ बुखारी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की थी। 

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क़मर वहीद नक़वी

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