loader

जम्मू-कश्मीर में अगले हफ़्ते से खुलने लगेंगे स्कूल: मुख्य सचिव

सरकार का ज़ोर अब अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद जम्मू-कश्मीर में अस्त-व्यस्त हुई स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने पर है।  जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर साफ़ किया कि 22 में से 12 ज़िलों में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। सुब्रमण्यम ने कहा कि अगले हफ़्ते से एक के बाद एक क्षेत्र में स्कूल खुलने लगेंगे। सरकारी कार्यालय शुक्रवार से पूरी तरह खुल गए हैं। 

उन्होंने कहा कि जैसे ही पाबंदी हटेगी जन-जीवन सामान्य दिखने लगेगा। उन्होंने दावा किया कि सड़कों पर पहले से ही यह सामान्य दिख रही है। सड़क पर यातायात सामान्य रूप से चल रहा है।

 इधर, एक याचिक पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में भी केंद्र सरकार ने कहा है कि कुछ दिनों में ही पाबंदी हटा ली जाएगी। बता दें कि अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद से कश्मीर में क़रीब दस दिन से कर्फ़्यू जैसे हालात हैं। बड़ी संख्या में सशस्त्र जवानों की तैनाती की गई है और लोगों को बेरोक-टोक आने जाने की छूट नहीं है।
सम्बंधित खबरें

'न तो किसी की मौत न ही कोई घायल'

जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव सुब्रमण्यम ने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद जो पाबंदी लगाई गई थी उस दौरान न तो किसी की जान गई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। यह सरकार, प्रशासन और सुरक्षा बलों की सफलता है कि इन दिनों में जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य बनी रही और ऐसी कोई घटना नहीं हुई। 

ताज़ा ख़बरें

चरणबद्ध तरीक़े से बहाल होगी टेलीफ़ोन सेवा

सुब्रमण्यम ने कहा कि कश्मीर में धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में टेलीफ़ोन सेवा बहाल कर दी गई है और दूसरे क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीक़े से टेलीफ़ोन और फ़ोन लाइन को बहाल किया जा रहा है। इंटेरनेट सेवा भी इसी तरीक़े से बहाल किया जा रहा है। 

बता दें कि अनुच्छेद 370 में बदलाव और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बाँटने के फ़ैसले के पहले ही कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी गईं। पूरे क्षेत्र में बड़ी तादाद में सशस्त्र बलों को तैनात किया गया। राज्य के सभी बड़े नेताओं को पहले नज़रबंद किया गया था, लेकिन बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया। लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगा दी गई। फ़ोन लाइन बंद कर दी गईं और इंटरनेट सेवा भी ठप्प कर दी गई। हालाँकि कई क्षेत्रों में इन सेवाओं को धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें