loader

श्रीनगर: नौगाम में बीजेपी नेता के घर पर आतंकी हमला, सुरक्षाकर्मी शहीद

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बीजेपी नेता अनवर खान के घर पर आतंकियों ने हमला कर दिया। हमले में अनवर का सुरक्षाकर्मी शहीद हो गया। शहीद हुए सुरक्षाकर्मी का नाम रमीज़ राजा है। हमले के वक़्त खान घर पर नहीं थे। अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। 

आतंकी घटना को अंजाम देने के बाद वहां से फरार होने में कामयाब रहे।  बीते एक हफ़्ते में यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले भी कश्मीर में बीजेपी के कई नेताओं पर आंतकी हमला हो चुका है। 

ताज़ा ख़बरें

सोपोर में हमला

29 मार्च को दिन में आतंकियों ने सोपोर के नगर पालिका परिषद कार्यालय पर हमला कर दिया था। इस दौरान वहां पार्षदों की बैठक चल रही थी। इस हमले में दो पार्षदों की मौत हो गई थी और पुलिस का एक जवान भी शहीद हो गया था। पार्षदों के नाम रियाज़ अहमद पीर और शम्सुद्दीन थे जबकि पुलिसकर्मी का नाम शफाक़त नज़ीर था। शुरुआती जांच में पता चला है कि स्थानीय आतंकी मुदासिर पंडित और एक बाहरी आतंकी इस घटना में शामिल था। 

पिछले साल भी हुए थे हमले 

पिछले साल जुलाई महीने में बांदीपोरा ज़िला बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष वसीम बारी, उनके पिता और भाई की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। बारी को 10 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन हमले के दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे। इस वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। 

आतंकी समूह 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने बारी पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली थी। पुलिस ने कहा था कि यह समूह जैश, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन का संयुक्त मोर्चा है।

जम्मू-कश्मीर से और ख़बरें

अगस्त, 2019 में कश्मीर के बडगाम में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के बडगाम जिला अध्यक्ष अब्दुल हमीद पर तब हमला हुआ था, जब वह मॉर्निंग वाक पर निकले थे। अगस्त में ही कुलगाम ज़िले में आतंकियों ने बीजेपी सरपंच सज्जाद अहमद खांडे की काजीगुंड में गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह बीजेपी के कुलगाम जिले के उपाध्यक्ष थे। पुलिस ने बताया था कि जब सज्जाद अपने घर के बाहर खड़े थे तभी आतंकवादियों ने उन पर ताबड़तोड़ फ़ायरिंग कर दी थी। 

इससे एक दिन पहले ही आतंकियों ने कुलगाम जिले के अखरान के बीजेपी सरपंच आरिफ़ अहमद पर हमला कर दिया था। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद बीजेपी के कई नेताओं ने इस्तीफ़ा दे दिया था। पिछले साल अक्टूबर में भी जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें