loader

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला, सीआरपीएफ का एक जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के बारामुला ज़िले में हुए एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ़ के एक जवान की मौत हो गई, दूसरे तीन जवान घायल हो गए हैं। इसमें एक नागरिक भी मारा गया है जबकि जवानों ने 3 साल के एक बच्चे को बचा लिया है।

घात लगा कर हमला

बारामुला के सोपोर में गश्त लगा रहे केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ़ के जवानों पर घात लगाए आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं। सीआरपीएफ़ ने जवाबी गोलीबारी की, पर आतंकवादी भाग निकले। यह वारदात श्रीनगर से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर हुई।
जम्मू-कश्मीर से और खबरें
गश्ती दल पर हुए इस हमले में 4 जवान बुरी तरह ज़ख़्मी हुए, जिनमें से एक की मौत हो गई। आतंकवादियों की गोलीबारी में सड़क पर गाड़ी में जा रहा एक आदमी मारा गया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है। उसने यह भी कहा है कि आतंकवादियों की तलाश जारी है। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि जून में राज्य में 48 आतंकवादी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए। पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा था कि इस साल अब तक 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे जा चुके हैं। उन्होंने एनडीटीवी से कहा,

‘बीते साढ़े पाँच महीने में राज्य में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं, इनमें से 50 से ज़्यादा लोग हिज़बुल मुजाहिदीन, 20 जैश-ए-मुहम्मद और बाकी अल बदर और अंसार गजवतुल हिंद के लोग थे।’


दिलबाग सिंह, प्रमुख, जम्मू-कश्मीर पुलिस

सिर्फ दो दिन पहले यानी सोमवार को अनंतनाग में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में हिज़बुल मुजाहिदीन के एरिया कमांडर मसूद अहमद बट्ट और दो दूसरे आतंकवादी मारे गए । 

आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, इस साल 25 जून तक 119 आतंकवादी मारे गए हैं। इसके पहले साल 2018 में 254 तो साल 2017 में 213 आतंकवादी मारे गए थे। 

शोपियाँ

इसके पहले जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मारे गए लोग पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट हिज़बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के थे। 

पुलवामा

पिछले महीने पुलवामा में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए थे। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल का एक जवान ज़ख़्मी हो गया। सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के साझा अभियान में जो तीन आतंकवादी मारे गए, वे सभी जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े हुए थे। 
पुलवामा में सुरक्षा बलों ने एक गाड़ी रोकी थी जिसमें 40-45 किलोग्राम विस्फोटक थे। इसका ड्राइवर भागने में कामयाब रहा।उसकी योजना पुलवामा में ही पिछले साल 14 फरवरी को हुए भीषण आतंकवादी हमले को दुहराने की थी। उस हमले में पुलवामा के ही एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी सीआरपीएफ़ के काफ़िले से टकरा दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ़ के 40 जवान व अफ़सर शहीद हुए थे।

पुंछ

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के मेंढर-पुंछ इलाक़े में सोमवार को लाइन ऑफ़ कंट्रोल (एलओसी) पर 13 आतंकवादियों को मुठभड़े में मार गिराया था। भारी हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों को राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में सोमवार सुबह मार गिराया, जबकि 10 अन्य को मेंढर में मार दिया गया।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें