बीजेपी ने पहले विधानसभा के स्पीकर पद पर जोर-शोर से दावेदारी की लेकिन शायद उसे समझ में आ गया कि अगर चुनाव हुआ तो उसे क़रारी हार मिलेगी। इसीलिए उसने अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लिया।
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद महाराष्ट्र सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक बुलाई। कैबिनेट की बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी की सरकार आम आदमी के लिए काम करेगी।
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) जारी कर दिया है। इसमें सेक्युलर शब्द पर जोर दिया गया है। इसके अलावा किसानों को राहत देने पर भी फ़ोकस है।
महाराष्ट्र में काफ़ी मशक्कत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार तो बन गई है, लेकिन क्या यह नयी सरकार अब आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से निपट पाएगी?
किसी भी सूरत में महाराष्ट्र में सरकार बनाने का बीजेपी का ख़्वाब आख़िरकार अधूरा रह गया। अजीत पवार से समर्थन लेकर सरकार बनाने के बीजेपी के फ़ैसले पर सवाल उठने लगे हैं।