महाराष्ट्र में अजीत पवार ने एनसीपी के ख़िलाफ़ जो बग़ावत की है उससे और पुराने घटनाक्रमों से यह साफ़ होता है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ही उन्होंने यह क़दम उठाया है।
बड़ा सवाल यह है कि क्या अजीत पवार का एनसीपी तोड़ने का पूरा खेल ख़राब हो गया है? विधायक धनंजय मुंडे के वापस पार्टी की बैठक में लौटने से यह बात अब चर्चा में है।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के ताज़ा घटनाक्रम को संविधान का उल्लंघन और भारत के इतिहास का काला दिन क़रार देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर ज़बरदस्त हमला किया है।
अहमद पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में चुपचाप बिना किसी को बताये हुए शपथ ग्रहण कराई गई, ऐसा करके संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं और बेशर्मी की हद पार कर दी गई।
महाराष्ट्र में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह फ़ैसला अजीत पवार का है और एनसीपी के निर्णय के ख़िलाफ़ है।
महाराष्ट्र में रात के अंधेरे में जो अंधी राजनीति की गई और जिस तरह रातोंरात राज्य का सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन हो गया, क्या शरद पवार उससे बिल्कुल अनजान थे?