loader

आरएसएस सेक्युलर तो मैं इंग्लैंड की महारानी हूँ : महबूबा

महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के आरएसएस को सबसे ज़्यादा धर्मनिरपेक्ष संगठन बताने पर ट्विटर पर लोगों ने तंज कसे हैं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने तो कह दिया कि 'यदि आरएसएस देश का सबसे ज़्यादा सेक्युलर संगठन है, तो मैं इंग्लैंड की महारानी हूँ और यह ट्वीट  चाँद से कर रही हूँ।'

हालाँकि महबूबा के इस ट्वीट पर भी लोगों ने कड़ी प्रतिक्रियाएँ दीं। बिलाल बेग़ नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, 'आपको यह बीजेपी के साथ सरकार बनाने से पहले सोचना चाहिए था...।' एक अन्य शफ़ी मीर के हैंडल से लिखा गया है, 'आप जब सत्ता में थीं तब तो ऐसा कुछ नहीं था।' बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी और महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी के गठबंधन की सरकार थी। पिछले साल ही दोनों दलों में खटपट होने के बाद गठबंधन टूट गया और सरकार गिर गई। 

महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान पर तंज कसने वाली प्रतिक्रियाओं पर स्वरा भास्कर ने भी रिप्लाई किया है। इंडियन नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट को रिट्वीट करते हुए स्वरा ने लिखा. 'गड जोक'। इंडियन ट्विटर हैंडल से लिखा था, 'यदि आरएसएस एक धर्मनिरपेक्ष संगठन है तो मोदी सलमान खान से ज़्यादा हैंडसम हैं।'

स्वरा ने 'nehr_who?' नाम के ट्विटर हैंडल के एक ट्वीट को भी रिट्वीट किया है जिसमें आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के नाम लेकर तंज कसा गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने कहा था कि आरएसएस सबसे ज़्यादा धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठनों में से एक है, क्योंकि इस संगठन ने लोगों के अपने विश्वास का पालन करने के व्यक्तिगत अधिकार का सम्मान किया है। वह नागपुर के रामटेक में कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय (केकेएसवी) में आरएसएस के दिवंगत सरसंघचालक एम. एस. गोलवलकर के नाम पर नए अकादमिक परिसर और गुरुकुलम के शुभारंभ के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि संघ की यात्रा शानदार और कठिन रही है। गुरुजी के नाम से प्रख्यात गोलवलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक थे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें