राजनीति के तमाम तथाकथित पंडित, पेड-बैकपेड-बेपेड सर्वे एजेंसियाँ मान रही हैं कि एन-केन-प्रकारेण 23 मई के बाद भी सरकार बीजेपी की ही बनेगी। इससे पाँच विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री व नेता आशंकित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी 'वंदे मातरम' के नारे लगाते रहे लेकिन नीतीश कुमार बगल में ही चुप बैठे रहे। सभी लोग खड़े भी हो गये तब काफ़ी असहज दिख रहे नीतीश भी आख़िर में खड़े हुए, लेकिन तब भी वह जयकारे लगाते नहीं दिखे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आपको अति पिछड़ा घोषित करके एक नया राजनीतिक दाँव खेला है। 2014 के चुनावों से पहले उन्होंने ख़ुद को नीची जाति का घोषित कर दिया था। ऐसा क्यों?
चुनाव आचार संहिता के ‘उल्लंघन’ के मामले में क्या अब प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी? इसकी संभावना इसलिए बनती है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया। वाराणसी में अपना नामांकन पत्र भरने से एक दिन पहले गुरुवार को उन्होंने एक मेगा रोडशो किया था।
हिन्दी फ़िल्मों में कभी देशभक्ति के प्रतीक के तौर पर माने जाने वाले सनी देओल ने अब राजनीति में एंट्री कर ली है। तो क्या राजनीति में भी उनकी ऐसी 'देशभक्ति' बरक़रार रहेगी? क्या बीजेपी की देशभक्ति से उनका टकराव तो नहीं होगा?
बीजेपी ने तो साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को यह सोच कर मैदान में उतारा था कि वह दिग्विजय सिंह को घेर लेंगी। पर हेमंत करकरे पर दिए बयान की वजह से अब खुद बीजेपी घिर गई है।
राजनीति में आते ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने मुंबई हमले में शहीद हुए पूर्व एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है जो एक शहीद के लिए साफ़ तौर पर अपमानजनक है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लेकर बीजेपी हेडक्वॉर्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे बीजेपी प्रवक्ता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव पर गुरुवार को एक शख्स ने जूता फेंक दिया। जूता फेंकनेवाले इस व्यक्ति को तुरंत सुरक्षा कर्मचारियों ने हिरासत में ले लिया।
दिल्ली में गठबंधन की बातचीत टूटने के बाद अरविंद केजरीवाल को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराने से जुड़ा राहुल गाँधी के बयान और उस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का पलटवार आख़ि क्या साबित करता है?
प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी शपथ पत्र में संपत्ति का ब्यौरा कथित रूप से छुपाने के मामले को कांग्रेस ने कार्रवाई की माँग की है। आरोप है कि मोदी ने चुनावी शपथ पत्रों में ज़मीन के एक प्लॉट की जानकारी छुपायी है।
लोकसभा चुनाव के 18 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए आज चुनाव प्रचार का आख़िरी दिन है। इस चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएँगे।
क्या चुनावी भाषणों में भाषा की मर्यादा ख़त्म हो गयी है? एक के बाद एक नेता वोट के लिए राजनेता गालियों और अपशब्दों का इस्तेमाल क्या इसलिए कर रहे हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है?