देश के कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन की कमी के कारण हाहाकार जैसी स्थिति है। मुंबई में 26 जगहों के अलावा उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में भी वैक्सीन का स्टॉक न होने के कारण कई सेंटर्स को बंद करना पड़ा है। इस बीच केंद्र सरकार लगातार दूसरे देशों को कोरोना की वैक्सीन सप्लाई कर रही है और इसे लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एतराज जताया है। आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर चुकी है।
राहुल ने शुक्रवार को किए एक ट्वीट में कहा है, “बढ़ते कोरोना संकट के वक़्त वैक्सीन की कमी एक अति गंभीर समस्या है और यह ‘उत्सव’ नहीं है। अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट करना क्या सही है?”
राहुल ने उत्सव की बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए लिखा है। मोदी ने गुरूवार शाम को मुख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद कहा था, “11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है और इन दिनों के बीच हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाएं और इसे टीका उत्सव की तरह मनाएं।”
महाराष्ट्र सरकार ने गुरूवार को कहा है कि मुंबई में 26 टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़े हैं। इसमें से 23 केंद्र नवी मुंबई क्षेत्र में हैं। सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र से कोरोना के टीके की खेप का इंतज़ार कर रही है। इससे पहले महाराष्ट्र के पुणे, सतारा और पनवेल क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन कम पड़ने की वजह से टीकाकरण केंद्रों को बंद किए जाने की रिपोर्टें आई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने आरोप लगाया है कि कोरोना के टीके के वितरण में पक्षपात हो रहा है।
राहुल गांधी ने इस मसले पर भी बात की है। उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार सभी राज्यों को बिना पक्षपात के मदद करे और हम सबको मिलकर इस महामारी को हराना होगा।
केंद्र का दूसरा रूख़
महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष के तमाम आरोपों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की ज़िम्मेदारी से बचने और वास्तविक स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए ये बातें कही जा रही हैं।
महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि गुजरात को महाराष्ट्र के बराबर वैक्सीन क्यों दी जा रही हैं जबकि आबादी और कोरोना संक्रमण के मामले यहां महाराष्ट्र से बेहद कम हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है लेकिन जब राज्यों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मिलेगी ही नहीं तो फिर वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने का क्या मतलब रह जाएगा।
कोरोना ने मचाई आफत
दूसरी ओर, कोरोना ने देश भर में आफत मचा रखी है। संक्रमण के मामले तो लगातार बढ़ ही रहे हैं, मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में 1 लाख 31 हज़ार 968 पॉजिटिव केस आए हैं और 780 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक कुल 1 करोड़ 30 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 1 लाख 67 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
ऐसे में वैक्सीनेशन की रफ़्तार को तेज़ किए जाने के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। लेकिन तमाम राज्य इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि उनके पास वैक्सीन का बहुत कम स्टॉक बचा है।
महानगर छोड़कर जा रहे लोग
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऐसे में छोटे-मोटे काम करने वाले लोग लॉकडाउन की आशंका से डरे हुए हैं और वे दिल्ली, मुंबई छोड़ रहे हैं। दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से प्रवासी मजदूरों की तसवीरें सामने आई हैं। मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर बड़ी संख्या में मजदूरों का तांता लगा हुआ है और वे किसी भी सूरत में अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
अपनी राय बतायें