एक समय देश को झकझोर देने वाले बाबरी मसजिद विध्वंस मामले में पिछले साल फ़ैसला देने वाले जज (अब सेवानिवृत्त) सुरेंद्र कुमार यादव को उत्तर प्रदेश में उप लोकायुक्त बनाया गया है। उन्होंने सोमवार को उप लोकायुक्त पद की शपथ ली।
ऐसा लगता है कि अब देश को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि बाबरी मसजिद कभी गिरी ही नहीं। एक झूठ जो 6 दिसंबर 1992 से बोला जा रहा था, उस पर अब अदालत की भी मुहर लग गयी।
लिब्रहान आयोग के अध्यक्ष जस्टिस मनमोहन सिंह लिब्रहान का कहना है कि बाबरी मसजिद विध्वंस एक साज़िश थी और मुझे अब भी इस पर भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट के ही कम से कम दो आदेशों में साज़िश की बात कही गई थी।
अट्ठाईस साल बाद बाबरी मस्जिद को ढहाने वाले मामले के सभी अभियुक्त बरी हो गए हैं। ये उनके और उनके समर्थकों के लिए खुशी की बात हो सकती है, मगर क्या ये न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता के लिए सही है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
महज़ पाँच घंटे में नौसिखिये बाबरी मस्जिद गिरा सकते थे? क्या सीबीआई ने अदालत में नहीं रखे साक्ष्य? आखिर कोर्ट ने क्यों कहा कि बाबरी ध्वंस के पीछे साजिश नहीं थी?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।बाबरी विध्वंस मामले में सभी 32 आरोपी बरी किए गए।शिवसेना : क्या न्याय की माँग केवल अभिनेता के लिए ही होगी
बाबरी मसजिद मामले में सीबीआई ने जो वीडियो आदि सबूत दिखाए, वे जज को विश्वसनीय नहीं लगे। क्या दुनिया में जितने भी अपराध होते हैं, उनका फ़ैसला वीडियो के आधार पर होता है?