भीमा-कोरेगाँव और उससे संबंधित एल्गार परिषद के मामले में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि वह इस मामले में अब तक जाँच के कुछ तथ्य लोगों के सामने लाना चाहते हैं।
महाराष्ट्र में हुए भीमा कोरेगाँव प्रकरण की जांच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। इसे लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गर्मा गई है।
दो साल पहले हुआ भीमा कोरेगाँव हिंसा क्या तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार का षडयंत्र था? महाराष्ट्र के एक प्रमुख समाचार पत्र ने शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिए गए एक पत्र के हवाले से इस पर ख़बर छापी है।
भीमा कोरेगाँव हाल के वर्षों में काफ़ी विवादों में रहा है। ‘अर्बन नक्सल’ तक कहानी भी पहुँची भीमा कोरेगाँव में 2018 में हिंसा के बाद ही। आख़िर भीमा कोरेगाँव पर इतना विवाद क्यों है?
राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी नेता शरद पवार ने अब भीमा कोरेगाँव मामले की जाँच के लिए सही तरीक़े से जाँच के लिए विशेष जाँच दल यानी एसआईटी बनाने की माँग की है।
क्या महा विकास अघाड़ी की सरकार भीमा कोरेगाँव हिंसा प्रकरण की जाँच करवाएगी। और क्या नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में महाराष्ट्र पुलिस की जाँच का नजरिया बदलेगा?
एल्गार परिषद मामले में सीपीआई माओवादी से जुड़े होने के आरोप में गिरफ़्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनों गोंजाल्विस को नहीं मिली ज़मानत।
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में गौतम नवलखा की याचिक पर सुप्रीम कोर्ट में आख़िरकार सुनवाई हुई। लेकिन इससे पहले एक-एक कर पाँच जजों ने ख़ुद को अलग कर लिया था। अधिकतर जजों ने कोई कारण नहीं बताया था। ऐसा क्यों हुआ? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।