मायावती ने कुछ और बड़े नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। रामअचल राजभर, लाल जी वर्मा सहित तमाम बड़े नेताओं के बाद बारी तिवारी परिवार के सदस्यों की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जिस तरह बसपा का समर्थन किया है उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं .क्या यह टिपण्णी जानबूझ कर की गई है ताकि बसपा के मतदाता भ्रमित हों ?आज की जनादेश चर्चा इसी पर
आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी प्रमुख मायावती ने बड़ा फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा है कि बाहुबली और माफिया को टिकट नहीं दिया जाएगा। उन्होंने मुख्तार अंसारी का भी टिकट काट दिया है।
बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने कहा है कि बीएसपी सिर्फ दलितों की पार्टी नहीं है और यह सत्ता में आई तो 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय' की नीति अपनाएगी।
बाबा तेरा मिशन अधूरा, का नारा देने वाली बीएसपी का दलित आंदोलन अगर भगवान राम से लेकर परशुराम तक पहुंच गया है तो इस सामाजिक बदलाव पर किसी को हैरानी क्यों नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने असुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रिपोर्टों को खारिज किया।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।यूपी चुनाव: अकेली पड़ती जा रहीं मायावती, सिर्फ़ 7 विधायक बचे। नीतीश पर हमलावर MLC टुन्ना पांडेय को बीजेपी ने पार्टी से निकाला। देखिए दिनभर की ख़बरें -
क्या है मायावती की बदली हुई राजनीति? लंबे समय तक लगभग अज्ञातवास में रहने के बाद मायावती इधर फिर सक्रिय हुई हैं। सक्रिय होने से मुराद, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से है।
मध्य प्रदेश में सरकार में रहने तक कमलनाथ और कांग्रेस के झंडे तले खड़े बसपा के दो, सपा के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने अब अपने हाथों में ‘कमल’ को थाम लिया है। इसके साथ ही बीजेपी की राज्यसभा के लिए दो सीटें पक्की हो गई हैं।