‘पाकिस्तान चले जाओ’ वाले बयान की उम्मीद एक आईपीएस अफ़सर से क़तई नहीं की जा सकती। मेरठ में हुए बवाल को लेकर सुनिए क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह ने।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ अलीगढ़ के मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में हुए प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने 10 हज़ार अज्ञात छात्रों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान मेंगलुरू में मारे गए लोगों के परिवारों को राज्य की येदियुरप्पा सरकार ने 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए कुछ पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए मेरठ जा रहे राहुल और प्रियंका को पुलिस ने रोक दिया।
पॉन्डीचेरी विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट रबीहा अब्दुररहीम ने अपना पदक लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ आन्दोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में ऐसा किया।
सरकारों को उच्चतम न्यायालय की व्यवस्थाओं के मद्देनर आन्दोलनों के दौरान सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वालों की पहचान करके उनसे इसकी वसूली करनी चाहिए।