पिछले तीन महीने में अस्सी लाख लोग अपने पीएफ में से पैसा निकाल चुके हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद जून के आख़िरी तीन हफ़्तों में तो रोज़ एक लाख लोग रक़म निकालने लगे हैं। ये राहत पैकेज का असर है या बड़े ख़तरे का संकेत? आलोक जोशी के साथ माइंड योर बिज़नेस।
अनलॉक की प्रक्रिया जारी रहने और तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच ही कई राज्यों के बाद अब कर्नाटक के बेंगबुरु में भी पूरी तरह लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई है।
एक ओर जहां दिल्ली और गुजरात में लॉकडाउन को बढ़ाने से इनकार कर दिया गया है, वहीं चीन ने फिर से लॉकडाउन लगाया है और अमेरिका में फिर से लगाने की तैयारी हो रही है।
लॉकडाउन, प्रवासी मज़दूरों का अपने गृह राज्यों के लिए पलायन और बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी जाने के बीच अर्थव्यवस्था के बहुत ही धीमी गति से ही सही, पर पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं।
ऐसे समय जब पूरे देश को 'अनलॉक' करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, यानी लॉकडाउन में छूट दी जा रही है, पश्चिम बंगाल ने लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया है।
आज से देश के कई राज्यों में धार्मिक स्थल, मॉल्स और रेस्तरां खुल गए हैं लेकिन महाराष्ट्र और तमिलनाडु में धार्मिक स्थल बंद हैं। लॉकडाउन के तहत दो महीने तक लगभग सभी जगहों पर पाबंदी रही।