भारत भले ही कोरोना संक्रमण से सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में 9वें स्थान पर है, लेकिन सबसे तेज़ी से नये मामले बढ़ने की दर के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
हाल के दिनों मेंकोरोना संक्रमण बढ़ रहे हैं, लेकिन राहत देने वाली ख़बर यह है कि अब तक आए मरीज़ों में से 5 फ़ीसदी से भी कम मरीजों को क्रिटिकल केयर यानी गंभीर अवस्था वाले इलाज की ज़रूरत पड़ रही है।
देश में कोरोना संक्रमित राज्यों की संख्या में दिल्ली अब तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। राजधानी में संक्रमण के अब तक कुल 17,386 मामले सामने आए हैं और 398 लोगों की मौत हुई है।
दिल्ली में कोरोना के ताज़ा हालात को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा है कि इस वायरस को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, बस सावधानी रखनी है।
प्रदेश में कोरोना का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और देश के एक तिहाई से ज़्यादा संक्रमण और उसकी वजह से होने वाली मौत के आँकड़े महाराष्ट्र से ही हैं। तो क्या महाराष्ट्र सरकार कुछ नहीं कर रही है?
देश में कोरोना संक्रमण का सबसे पहला मामला केरल में आया था और यही पहला राज्य था जिसने इस पर नियंत्रण भी पा लिया था, लेकिन अब वहाँ सामुदायिक संक्रमण का ख़तरा मंडराने लगा है। आख़िर ऐसी स्थिति क्यों हो गई?
देश में कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में 2095 और राजधानी दिल्ली में 442 पुलिस कर्मी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के कारण 22 पुलिस कर्मी जान गंवा चुके हैं।
प्रवासी मज़दूरों के हालात पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा है कि अब तक ट्रेन और सड़क से 91 लाख प्रवासी मज़दूरों को उनके गृह राज्य पहुँचा दिया गया है।
नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा है कि बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के 1,529 फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित हैं और 25 लोगों की मौत हो चुकी है।