भारत में हाल के कुछ महीनों में मुसलमानों पर अत्याचार और उत्पीड़न बढ़े हैं तथा मीडिया के कुछ लोगों द्वारा उन्हें आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी नागरिकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
देश भर से ख़बरें आ रही हैं कि मज़दूर और ग़रीब तबक़े को दो वक्त का खाना नहीं मिल पा रहा है। सरकार के गोदाम अनाज से भरे हुए हैं, तो वह इसे ग़रीबों में बांटती क्यों नहीं?
एक ओर लॉकडाउन के चलते लोग घरों में क़ैद हैं, वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी के बेटे की शादी में बड़ी संख्या में लोग जुट गए। ऐसे में तो लॉकडाउन बेमतलब साबित हो जाएगा।
दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के एक डॉक्टर को चिकित्सा उपकरणों को बदलने और संस्थान को बदनाम करने के आरोप में अस्पताल प्रशासन ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
मुरादाबाद में पत्थरबाज़ी का कोई बचाव या समर्थन नहीं हो सकता। लेकिन मरकज़, तबलीग और मुरादाबाद के नाम पर आम मुसलमान के खिलाफ नफ़रत फैला रहे लोगों का क्या इलाज है? आलोक अड्डा में चर्चा ताहिरा हसन, अकु श्रीवास्तव और आशुतोष के साथ।
मुरादाबाद, इंदौर और तब्लीग़ के बहाने मुसलमानों पर निशाना क्या सही है? और क्या रासुका लगा कर मज़हबी पागलपन पर क़ाबू पाया जा सकता है? आशुतोष के साथ चर्चा में - ज़फ़र सरेसवाला, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और आलोक जोशी।
हाल के दिनों में कोरोना वायरस फैलने पर तब्लीग़ी जमात को अनावश्य ही निशाने पर लिया गया। क्या जाँच सैंपलिंग की पक्षपाती मीडिया रिपोर्टिंग ने तब्लीग़ी जमात को बना दिया विलेन?
कोरोना बीमारी का अब तक न तो टीका बना है और न ही इलाज के लिए कोई दवा है। उम्मीद की किरण अब प्लाज्मा थेरेपी में दिख रही है। तो ये प्लाज्मा थेरेपी क्या है और कितना कारगर है?
चीन में कोरोना वायरस काबू में है फिर भी कोरोना से मरने वालों का आँकड़ा गुरुवार को जहाँ 3342 था वह शुक्रवार को बढ़कर 4636 हो गया। यानी एक दिन में ही यह आँकड़ा क़रीब 40 फ़ीसदी बढ़ गया। तो क्या चीन ने आँकड़े छुपाए थे?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वाले यदि सरकारी संपत्ति के नुक़सान की भरपाई नहीं कर पाते हैं तो उनकी संपत्ति को कुर्क किया जाए।