हैदराबाद में सैकड़ों लोग पुलिस स्टेशनों के बाहर उस पास के लिए लाइनों में लग गए जिससे वे अपने घर जा सकें। लाइनें ऐसी लगी हैं कि 'सोशल डिस्टेंसिंग' के नियम का पालन नहीं हो पा रही है।
कोरोना वायरस से बचें या भूखे मरने की नौबत आने से? लॉकडाउन के बाद यही सवाल शहरों में फँसे हज़ारों मज़दूरों के दिमाग़ में है। यही उलझन उन्हें जैसे-तैसे घर भागने पर मजबूर कर रही है।
सरकार कह रही है कि संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी आपको सब्जी, दूध, दवा और अन्य ज़रूरी चीजों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। लेकिन लोग मानने के लिये तैयार नहीं हैं।
भारत सहित दुनिया भर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए जा रहे लॉकडाउन को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने अपर्याप्त बताया है। इसने कहा है कि इससे यह महामारी ख़त्म नहीं होगी।
हरियाणा की जेल से कैदी परोल पर रिहा होंगे। पहले से परोल वालों को 4 हफ़्ते और मिले। हरियाणा में रिटायर होने वाले चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों को एक्सटेंशन दिया जाएगा।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक के एक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके साथ ही उनकी पत्नी और उनकी बेटी में भी इस वायरस की पुष्टि हुई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि क़रीब 900 लोगों को क्वरेंटाइन किया गया है।
कोरोना को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन/कर्फ्यू है। ऐसे में कंपनियों के साथ मज़दूर वर्ग और समाज के कमज़ोर तबक़े को इस दौरान आंशिक मदद पहुँचाने की कवायद में केंद्र व राज्य सरकारों ने कई घोषणाएँ की हैं। ये कितनी कारगर होंगी?