Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । सुप्रीम कोर्ट : राष्ट्रीय आपदा के वक़्त हम मूकदर्शक नहीं रह सकते । Supreme Court Says We don’t intend to supplant HC cases, but can’t be mute spectator in national crisis
ऐसे समय जब कुछ राज्य सरकारों ने लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगा दिए हैं और कुछ दूसरे ऐसा ही करने की सोच रहे हैं, केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से जुड़े दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं।
भारत में फैले कोरोना की प्रतिध्वनि सारी दुनिया में सुनाई पड़ रही है। अमेरिका से लेकर सिंगापुर तक के देश चिंतित दिखाई पड़ रहे हैं। जो अमेरिका कल-परसों तक भारत को वैक्सीन या उसका कच्चा माल देने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था, उसका रवैया थोड़ा नरम पड़ा है।
ऑक्सीजन की किल्लत, कोरोना टीके की कमी और पीपीई व जाँच किट्स की कमी के बीच भारत में एक दिन में नए कोरोना संक्रमण के मामले साढ़े तीन लाख की सीमा को पार कर गए हैं।
ऑक्सीजन की कमी कितनी ख़तरनाक है, इसका अंदाज़ा उत्तर प्रदेश के कुछ आँकड़ों से लगा सकते हैं। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक़, लखनऊ में रोज़ 65 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरुरत है जबकि शुक्रवार को 56 मैट्रिक टन ही उपलब्ध था। यानी 9 मैट्रिक टन की कमी।
इस समय कोरोना से जूझ रहे लोगों को बचाने का जितना काम पत्रकार कर रहे हैं, उतना शायद ही कोई कर रहा होगा। इस देश मे पिछले कुछ वर्षों से पत्रकारिता औऱ पत्रकार दोनों बदनाम रहे हैं। यह पूरी संस्था ही शक और संदेह में घिरी रही है।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। कोरोना : ‘वायराफ़िन’ दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को मंज़ूरी । रक्षा मंत्रालय जर्मनी से मंगाएगा 23 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
आलोचना के बाद सुप्रीम कोर्ट का बदला रुख? पीएम के साथ बैठक में केजरीवाल की अपील पर विवाद क्यों? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का सटीक विश्लेषण। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के बीच पिछले 24 घंटे में 25 मरीज़ों की मौत हो गई है
हाईकोर्ट के अधिकतर मामलों में क्यों टांग अड़ा रहा है सुप्रीम कोर्ट? कोरोना के मामलों को हाईकोर्ट से क्यों लेना चाह रहा है सुप्रीम कोर्ट? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi