देश में फिर से रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आज जो गुरुवार के आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार 24 घंटे में 3 लाख 32 हज़ार 730 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं।
कोरोना के रिकॉर्ड संक्रमण के बीच देश इस समय एक अभूतपूर्व संकट से गुज़र रहा है। कर्णधारों को भनक नहीं लग पाई कि समूचा देश केवल एक साल के भीतर ही हारने लगेगा और वे मरने वालों की गिनती करते रह जाएँगे।
महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के वसाई के एक कोविड सेंटर में शुक्रवार सुबह आग लगने से 14 मरीज़ों की मौत हो गई। मृतकों में सभी आईसीयू मरीज़ हैं। दूसरे मरीज़ों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव के बीच कोरोना संक्रमण के हालात कितने भयावह शक्ल ले चुके हैं, इसे कोलकाता हाई कोर्ट की बेहद तल्ख टिप्पणियों से समझा जा सकता है।
ऑक्सीजन के लिए कई राज्यों में हाहाकार मचा है। ऑक्सीजन की कमी होने से मरीज़ों की मरने की ख़बरें आ रही हैं। कर्नाटक से लेकर दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है।
कोरोना संक्रमण के मामले इतने बढ़ गए हैं कि अस्पतालों में बेडों की कमी है, आक्सीज़न व ज़रूरी दवाएँ कम पड़ने लगी हैं। जानिए, ऐसे में लोग कैसे कर रहे हैं मदद।
कोरोना से जूझ रहे देश में अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा है। इसने केंद्र को नोटिस जारी किया पूछा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति, ज़रूरी दवाओं और टीकाकरण पर राष्ट्रीय योजना क्या है।
देश में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण के बीच अब टीका लगाने के इच्छुक 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए अच्छी ख़बर है। 1 मई से जो टीकाकरण शुरू होने वाला है उसके लिए अब इसी शनिवार से यानी 24 अप्रैल से पंजीकरण कराया जा सकता है।
देश में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड 3 लाख आए हैं। बुधवार को 24 घंटे में 3 लाख 14 हज़ार 835 पॉजिटिव केस आए। इस दौरान 2104 लोगों की मौत हुई। एक दिन में यह आँकड़ा सबसे ज़्यादा है।
कोरोना संकट के बीच जनता आज त्राहिमाम कर रही है। कोई सुनने वाला नहीं है। राम, तुम जिस करोड़ों लोगों की आस्था से भगवान हो, वे लोग मानवता के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे हैं। भेड़-बकरियों की तरह सड़कों पर मर रहे हैं। क्या तुम्हें उनकी कोई सुध नहीं है?
राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के अभिभाषण की सबसे ख़ास बात क्या है? संभवतः पहली बार उन्होंने अपनी किसी भूल को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है। उन्होंने बहुत स्पष्ट कहा कि देश को किसी भी सूरत में लॉकडाउन से बचाया जाना चाहिए।
‘डबल म्यूटेंट’ पर शोध अभी व्यवस्थित ढंग से हुआ भी नहीं है कि ट्रिपल म्यूटेंट के केस आए हैं। कहा जा रहा है कि डबल म्यूटेंट में ही एक नये म्यूटेंट के संकेत मिले हैं। यही ट्रिपल म्यूटेंट है।
महाराष्ट्र के नासिक में टैंकर से ऑक्सीज़न रिफिलिंग के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से अस्पताल में भर्ती 22 कोरोना मरीज़ों की मौत हो गई। सभी मारे गए सभी मरीज़ वेंटिलेटर पर थे।
बीजेपी के तमाम नेता और केंद्रीय मंत्रियों का अक्सर कहते रहे हैं कि वे राहुल गांधी की किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन होता यह है कि राहुल के सुझाव को ही आख़िरकार सरकार मानती है।