कोरोना वायरस से मौत नहीं होती है। मौत होती है वायरस को मारने के लिए हमारे शरीर में बनने वाले एंटी बॉडी की अधिकता से। साइटोकिन स्टॉर्म नाम की इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सस्ती दवा भी है। पर बहुत से डाक्टर इसका प्रयोग नहीं करते। देखिए चार विशेषज्ञ डॉक्टर क्या कहते हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए महाराष्ट्र ने दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान और गोवा यानी चार राज्यों के लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट ज़रूरी कर दिया है।
ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन की ताज़ा रिपोर्ट में इसकी वैक्सीन 70 फ़ीसदी प्रभावी रही है। फ़रवरी तक दो टीके भारत में आ सकते हैं। ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन और देश में विकसित कोवैक्सीन भी उपलब्ध हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य कोरोना को लेकर तैयार नहीं होंगे तो दिसंबर में बहुत ख़राब हालत होगी। कोर्ट ने तो उन 4 राज्यों से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे दुनिया के कई देशों के बाद अब क्या भारत की बारी है? महाराष्ट्र में बीएमसी के स्कूल 31 दिसंबर तक बंद कर दिए गए हैं। चार राज्यों में केंद्र सरकार की टीमें भेजी गई हैं। भारत में भी दूसरी लहर तो नहीं आ जाएगी?
कोरोना दुनिया भर में फिर तेज़ी से फैल रहा है। पहले से कहीं ज़्यादा। इसलिए पहले से कहीं ज़्यादा सख़्ती है। दिल्ली में ही मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना बढ़ाया गया। ऑस्ट्रेलिया में सख़्त लॉकडाउन है। यूरोप और अमेरिका में स्कूल बंद किए गए।
मॉडर्ना वैक्सीन के प्रभावी होने की रिपोर्ट भले ही उम्मीद जगाए, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने दुनिया के सामने चिंता बढ़ा दी है। इसमें भी अमेरिका और यूरोप तो गंभीर संकट में हैं। अमेरिका में एक दिन पहले ही 1 लाख 66 हज़ार नये मामले आए।
कोरोना कई मरीज़ों के लिए संक्रमण के दौरान ही नहीं, ठीक होने के बाद भी उतना ही पीड़ादायक साबित हो रहा है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई है कि अमेरिका में कोरोना संक्रमित होने के 3 महीने के अंदर हर पाँच में से एक को मानसिक बीमारी हुई।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका है। इसका अंदाज़ा सरकारी तैयारी से ही लगाया जा सकता है। अधिकारियों को कोरोना के इलाज के लिए आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य दवाओं के बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए कहा गया है।
ज़बरदस्त कोरोना संक्रमण की चपेट में आई दिल्ली में बेड कम पड़ने की समस्या को लेकर हाई कोर्ट ने कहा है कि 33 निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखे जा सकते हैं।
अमेरिका में जब राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के बाद वोटों की गिनती चल रही है तब कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं। एक दिन में एक लाख से भी ज़्यादा। दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में इतने ज़्यादा पॉजिटिव केस नहीं आए हैं।
भले ही कोरोना संक्रमण के प्रति आप ऐसे अभ्यस्त हो गए हों कि यह आपको इससे फर्क न पड़ता हो, लेकिन पूरी दुनिया फिर और ज़्यादा गंभीर चपेट में है। पहली बार एक दिन में 5 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए।
फ्रांस में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया तो 27 मई को एक दिन में सिर्फ़ 191 नये केस आए थे। 25 अक्टूबर को एक दिन में 52 हज़ार से ज़्यादा केस आए हैं। यह एक दिन में फ्रांस में सबसे ज़्यादा केस है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ चुकी है।