कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे दुनिया के कई देशों के बाद अब क्या भारत की बारी है? दिल्ली पहले से ही संक्रमण से जूझ रही है। महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में संक्रमण के बढ़ने के आसार हैं। ख़तरे को देखते हुए महाराष्ट्र में बीएमसी के स्कूल 31 दिसंबर तक बंद कर दिए गए हैं। कुछ रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि मुंबई और दिल्ली के बीच ट्रेन और हवाई सेवा पर कुछ फ़ैसला लिया जा सकता है। कोरोना नियंत्रण के लिए चार राज्यों में केंद्र सरकार की टीमें भेजी गई हैं। कई और राज्यों में भेजने की तैयारी है। इससे सवाल उठता है कि संक्रमण का दौर क्या फिर से लौट रहा है और दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी दूसरी लहर तो नहीं आ जाएगी?
केंद्र सरकार कई राज्यों में उच्च स्तरीय टीम भेजने की तैयारी कर रही है। ये टीमें उन राज्यों में भेजी जाएँगी जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। एक दिन पहले ही चार राज्यों- हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर में ऐसी उच्च स्तरीय टीमें भेजी गई हैं।
हरियाणा गई टीम का नेतृत्व एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया कर रहे हैं। राजस्थान टीम का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. एस के सिंह गुजरात टीम और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. एल स्वास्तिचरण मणिपुर टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
ये टीमें उन राज्यों में कोरोना संक्रमण को तेज़ी से फैलने से रोकने और उसे नियंत्रित करने के उपायों पर अमल कराएँगी। केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह दी है कि वे टेस्टिंग काफ़ी ज़्यादा बढ़ाएँ और उन लोगों को ट्रैक करें जो कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आए होंगे। दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में 24 घंटों में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं।
सरकार की यह तैयारी ऐसे वक़्त में आई है जब 24 घंटों में ठीक होने वाले मरीज़ों से ज़्यादा नये संक्रमित मरीज़ों की संख्या है। ऐसा 47 दिनों बाद हुआ है। 24 घंटे में 45 हज़ार 882 संक्रमण के नये मामले आए हैं जबकि 44 हज़ार 807 लोग ठीक हुए हैं।
देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 90 लाख के पार कर गई है और 1 लाख 32 हज़ार से ज़्यादा लोगों को मौत हो चुकी है।
राजस्थान में कोरोना संक्रमण को लेकर गहलोत सरकार ने सभी ज़िला मजिस्ट्रेटों को 21 नवंबर से धारा-144 लगाने की पॉवर दी है। इसका मतलब है कि यदि ज़िला मजिस्ट्रेट चाहें तो फिर वह इस धारा को ज़िले भर में लगा सकते हैं। इससे पहले ज़िला मजिस्ट्रेट को दी गई धारा-144 लगाने की पावर 18 नवंबर को समाप्त हो गई थी। नियमानुसार, ज़िला मजिस्ट्रेट लंबे समय के लिए राज्य सरकार के परामर्श से ही धारा-144 लगा सकता है। राजस्थान में हर रोज़ दो से ढाई हज़ार संक्रमण के मामले आने लगे हैं।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर तो नहीं आई है, लेकिन स्थानीय तौर पर देखें तो दिल्ली में तीसरी लहर आने की बात कही जा रही है। राजधानी में ऐसी स्थिति है कि अब सख़्त क़दम उठाए जा रहे हैं।
दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। अमेरिका और यूरोप में तो यह पहले से ज़्यादा ख़तरनाक जैसा लग रहा है। अमेरिका में हर रोज़ क़रीब पौने दो लाख केस आ रहे हैं। न्यूयॉर्क में स्कूल-कॉलेज बंद किए जा रहे हैं। यूरोप में भी हर रोज़ दो लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। कई यूरोपीय देशों में तो फिर से लॉकडाउन लगाया ही गया है। जर्मनी में स्थिति ऐसी हो गई है कि सख़्त क़ानून बनाया गया है। ऐसा सख़्त क़ानून बनाया गया है कि उसके विरोध में लोग सड़कों पर आ गये हैं और हंगामा मचा हुआ है।
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में स्कूल-कॉलेज तो बंद किए ही गए हैं, नियम यह किया गया है कि एक परिवार से एक दिन में एक ही आदमी बाहर निकल सकता है उसके लिए भी वाजिब कारण बताना होगा। यह दुनिया भर में सबसे सख़्त लॉकडाउन में से एक है।
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