loader

कोरोना पर स्थिति गंभीर हो सकती है, राज्य रिपोर्ट दें: सुप्रीम कोर्ट

कोरोना संक्रमण किस तेज़ी से बढ़ रहा है और यह कितना घातक हो सकता है, इसका अंदाज़ा सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से लगाया जा सकता है। इसने कहा कि यदि राज्य तैयार नहीं होंगे तो दिसंबर में बहुत ख़राब हालत होगी। कोर्ट ने तो उन 4 राज्यों से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। साथ ही सभी राज्यों से पूरी तैयारी रखने को कहा गया है।

हाल के दिनों में जिस तरह से कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं, सरकार की चौकसी बढ़ी है, सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा है उससे सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर आने वाली है? कोरोना की दूसरी लहर से दुनिया के कई देश जूझ रहे हैं। जिन देशों में दूसरी लहर आई है वहाँ यह पहले से ज़्यादा आक्रामक है और अधिकतर देशों में तो यह पहले से दोगुनी तेज़ी से बढ़ रहा है।

ख़ास ख़बरें

भारत में भी इसलिए दूसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि दिल्ली में संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है और कहा जा रहा है कि वहाँ संक्रमण की तीसरी लहर आ गई है। कई दूसरे राज्यों में भी संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में ख़तरे को देखते हुए महाराष्ट्र में बीएमसी के स्कूल 31 दिसंबर तक बंद कर दिए गए हैं। कुछ दिनों पहले ही कोरोना नियंत्रण के लिए कई राज्यों में केंद्र सरकार की टीमें भेजी गई हैं। 

दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी दूसरी लहर तो नहीं आ जाएगी, इन्हीं आशंकाओं के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने ख़ुद से मामले का संज्ञान लिया। तीन जजों- जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमपी शाह की बेंच ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट माँगी है। इसमें राज्यों को मौजूदा स्थिति, मरीज़ों के प्रबंधन और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए उठाए गए क़दमों की जानकारी देनी होगी। कोर्ट ने कहा,

हम इस महीने में एक बड़ी बढ़ोतरी के बारे में सुन रहे हैं। हम सभी राज्यों से एक नवीनतम स्थिति रिपोर्ट चाहते हैं। अगर दिसंबर में राज्यों को अच्छी तरह से तैयार नहीं किया जाता है तो इससे भी बदतर चीजें हो सकती हैं।


सुप्रीम कोर्ट

इस मामले में केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली में कोरोना रोकने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। इस बीच कोर्ट ने कहा कि दिल्ली को कई सवालों के जवाब देने होंगे। बता दें कि दिल्ली में फ़िलहाल हर रोज़ क़रीब 7 हज़ार कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं। राज्य में अब तक 5 लाख 29 हज़ार संक्रमण के मामले आ चुके हैं। सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले महाराष्ट्र में आए हैं और कुल मामले क़रीब 18 लाख हो गए हैं। राज्य में 46 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 

वीडियो में देखिए, कोरोना का बड़ा हमला अभी बाक़ी?

इन राज्यों से भी बढ़ी चिंता

भारत में चिंता बढ़ने का एक कारण यह भी है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के कुल मामले अब तक कम रहे हैं वहाँ संक्रमण बढ़ने लगा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हालाँकि, सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण के मामले ज़्यादा आने लगे हैं। राजस्थान में रिकॉर्ड 3000 से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में भी इस महीने सक्रिय संक्रमण के मामले दोगुने हो गए हैं। 

कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं, इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई राज्यों में उच्चस्तरीय टीमें भेजी हैं। पहले राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में ये टीमें भेजी गई थीं और फिर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी भेजी गई हैं। 

कई राज्य सरकारें दिसंबर महीने में भी स्कूलों को बंद रखने का फ़ैसला लिया है। कई राज्यों में तो फिर से लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है। 

supreme court says coronavirus situation may be grim if not prepared, asks status report - Satya Hindi
भारत में चिंताएँ इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। अमेरिका और यूरोप में तो यह पहले से ज़्यादा ख़तरनाक जैसा लग रहा है। अमेरिका में हर रोज़ क़रीब पौने दो लाख केस आ रहे हैं। न्यूयॉर्क में स्कूल-कॉलेज बंद किए जा रहे हैं। यूरोप में भी हर रोज़ दो लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। 
कई यूरोपीय देशों में तो फिर से लॉकडाउन लगाया ही गया है। जर्मनी में स्थिति ऐसी हो गई है कि सख़्त क़ानून बनाया गया है। ऐसा सख़्त क़ानून बनाया गया है कि उसके विरोध में लोग सड़कों पर आ गये हैं और हंगामा मचा हुआ है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में स्कूल-कॉलेज तो बंद किए ही गए हैं, नियम यह किया गया है कि एक परिवार से एक दिन में एक ही आदमी बाहर निकल सकता है उसके लिए भी वाजिब कारण बताना होगा। यह दुनिया भर में सबसे सख़्त लॉकडाउन में से एक है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें