कांग्रेस की कथित ‘टूलकिट’ विवाद को लेकर दिल्ली पुलिस ट्विटर के बाद अब कांग्रेस के दो नेताओं- राजीव गौड़ा और रोहन गुप्ता के पीछे पड़ गई है। इसने दोनों नेताओं को नोटिस जारी कर जाँच में शामिल होने को कहा है।
कोरोना वैक्सीन नीति पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाले पोस्टर का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। इन पोस्टरों को चिपकाने वालों के ख़िलाफ़ दर्ज की गई दिल्ली पुलिस की एफ़आईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है।
दिल्ली पुलिस की इस हरकत के बाद केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है और उसमें उसी पोस्टर को अटैच कर कहा है कि पुलिस उन्हें भी गिरफ़्तार करे।
दिल्ली पुलिस ने कोरोना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ राजधानी में पोस्टर लगाने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में 17 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया है।
दिल्ली की एक अदालत ने बाटला हाउस मुठभेड़ में आरिज़ ख़ान को दोषी पाया है। उस पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या करने का आरोप था। वह आतंकवादी गुट इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य है।
पिछले साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों की जाँच को लेकर विवादों में घिर चुकी दिल्ली पुलिस की तीखी आलोचना अब अदालत भी कर रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अभियुक्त के कथित कबूलनामे के लीक होने की जाँच रिपोर्ट पर पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि यह 'आधा-अधूरा और बेकार काग़ज़ का टुकड़ा है।'
पर्यावरण के लिए काम करने वाली 22 वर्षीय दिशा रवि पर दिल्ली पुलिस और सरकार की कार्रवाई क्यों की जा रही है? पढ़िए, अख़बारों की संपादकीय टिप्पणी में क्या लिखा गया है।
दिशा रवि को विपक्षी नेताओं और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से मिल रहे समर्थन के बीच पुलिस ने आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा है कि गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले टूलकिट मामले में गिरफ़्तार दिशा रवि ने दो अन्य कार्यकर्ताओं के साथ ज़ूम मीटिंग की थी।
क्या सरकार को लगता है कि किसानों को आंदोलन करने से दीवारें और कंटीले तार रोक पाएँगे? किसानों के प्रदर्शन स्थल पर जिस तरह से दीवारें खड़ी की जा रही हैं, कंटीले तार लगाए जा रहे हैं और गड्ढे खोदे जा रहे हैं उससे यह सवाल उठना लाजिमी है।
क्या किसानों ने अपने ही आंदोलन को कमज़ोर किया ? दिल्ली पुलिस जानबूझकर किसानों की छवि ख़राब कर रही है? सरकार जीत पाएगी किसानों का भरोसा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसान गणतंत्र दिवस पर जो ट्रैक्टर परेड निकालने वाले हैं, उस पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि पाकिस्तान से उसको बाधित करने की तैयारी थी।
दिल्ली दंगों के मुसलमान अभियुक्तों की पैरवी कर रहे महमूद प्राचा के दफ़्तर पर छापा मारने की पुलिस की कार्रवाई किस तरह दोषपूर्ण, एकतरफा और भेदभाव पर आधारित थी, यह अब खुल कर सामने आ रहा है।
एक हज़ार से ज़्यादा बुद्धिजीवियों, कलाकारों, लेखकों और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिख कर आरोप लगाया है कि उसने लोगों पर दबाव डाल कर मनमाना, बेबुनियाद व मगढंत कबूलनामा लिया है, जिससे दंगों में लोगों को फँसाने की कोशिश की गई है।