केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को छह महीने पूरे हो चुके हैं। यह आंदोलन न सिर्फ़ मोदी सरकार के कार्यकाल का बल्कि आज़ाद भारत का ऐसा सबसे बड़ा आंदोलन है जो इतने लंबे समय से जारी है।
किसान आंदोलन के 6 माह पूरे हो गए हैं और मोदी की सत्ता के सात साल। अभी मोदी के पास भी समय है और किसानों के पास भी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पहले ही आंदोलन को तीन साल तक चलाने की बात कह चुके हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक अस्पताल का उद्घाटन करने हिसार गए तो वहाँ किसानों ने उनका ज़बरदस्त विरोध किया। पुलिस और किसानों के बीच झड़प में कम से कम 20 लोग घायल हो गए।
भारतीय किसान यूनियन ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि वह बीजेपी के ख़िलाफ़ नहीं है, पंचायत चुनाव में लोग जिसे चाहें, वोट दें। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा है कि यूपी पंचायत चुनाव 2021 में लोग चाहें जिसे वोट दें।
यूपी में पंचायत चुनावों के बीच सवाल है कि पिछले 6 महीनों में उठ खड़े हुए देशव्यापी किसान आंदोलन का खूँटा पकड़कर विपक्ष इन पंचायत चुनावों में बीजेपी की चूलें उघाड़ने में कामयाब होगा या नहीं?
किसान आंदोलन में फिर से तेज़ी आएगी। 40 किसान यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि मई महीने में वे संसद तक मार्च निकालेंगे। हालाँकि इस बारे में निश्चित तारीख़ की घोषणा बाद में की जाएगी।
अब जबकि दिल्ली के पास चल रहे किसान आन्दोलन के चार महीने पूरे हो चुके हैं, कृषि क़ानूनों के अध्ययन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अदालत को सौप दी है।
कृषि क़ानूनों पर बीजेपी से नाराज़ किसानों के एक समूह ने पंजाब के मुक्तसर ज़िले के मलोट में बीजेपी के अबोहर विधायक अरुण नारंग की कथित तौर पर पिटाई कर दी और उनके कपड़े फाड़ दिए।
एंटीलिया विस्फ़ोटक कार मामले में गिरफ़्तार किए गए मुंबई पुलिस के पूर्व अफ़सर सचिन वाज़े का बहुत जल्द डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए सचिन वाजे का ब्लड सैंपल ले लिया गया है।