किसानों का चक्का-जाम बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया और उसमें 26 जनवरी- जैसी कोई घटना नहीं घटी, यह बहुत ही सराहनीय है। केंद्र सरकार कृषि क़ानूनों को मानने या न मानने की छूट राज्यों को क्यों नहीं दे देती?
किसानों को समर्थन देने के लिए भी हिम्मत जुटाने का ज़रूरत क्यों? महिलाओं को चुप कराने के लिए बलात्कार की धमकियाँ आम क्यों? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट
किसान आन्दोलन पर सरकार यही सन्देश दे रही है कि किसान नागरिक अधिकारों से विहीन नागरिक बनते जा रहे हैं। उनके बारे में बिना चर्चा कानून बनाने से लेकर उनको इस स्थिति मेँ लाने तक यही चल रहा है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। आंदोलन: बीजेपी नेता ने कहा - तोमर पर सत्ता का अहंकार चढ़ गया । ‘तीनों क़ानून ही नहीं MSP पर भी क़ानून बने तभी आंदोलन ख़त्म होगा’
विश्व स्तर पर सुर्खियों पर बना किसान आंदोलन, मोदी की बढ़ी मुश्किलें? महापंचायतों का दौर जारी कैसे बदल रही फ़िज़ा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
किसान आंदोलन के साथ ज़्यादतियों की ख़बरें विश्व भर में फैल चुकी हैं। इससे मोदी और देश दोनों की छवि खराब हुई है। मगर क्या मोदी सरकार अब भी आँखें मूँदे रहेगी? क्या अभी भी वह प्रोपेगंडा और सेलेब्रिटियों के बल पर अपनी कारगुज़ारियाँ छिपाने की सोचती रहेगी? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सिन्हा : ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ क्या दूसरे देश के मामले में दख़ल नहीं? । पीएम : भारतीय न्यायपालिका हमेशा लोगों के हितों के लिए खड़ी हुई
4 फरवरी 2021 को ऐतिहासिक चौरी चौरा घटना के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री ने चौरी चौरा के शहीदों को याद करते हुए, इतिहास में उनकी अवहेलना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान आंदोलन: UN ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पक्ष में दिया बयान। दिल्ली-एनसीआर व दो राज्यों को छोड़कर देश भर में होगा चक्का जाम
दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करने के दौरान गिरफ़्तार किए गए पत्रकार मनदीप पूनिया को ज़मानत मिल गई है। जेल में उनका कैसा रहा अनुभव, उनकी ही कलम से लिखी दास्तां पढ़िए।
संसद में विपक्ष का सरकार पर हमला, कहा, किसानों पर अत्याचार शर्मनाक।सरकार ने नहीं दी इजाज़त, फिर भी शामली महापंचायत में जुटे किसान। देखिए दिनभर की ख़बरों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi