कोरोना काल और लॉकडाउन में मंत्रियों की आर्थिक हालत कैसी रही है? जानिए, प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर इन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी क्या दी है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विवादित बयान दिया है कि 'यदि कोई अधिकारी नहीं सुने तो बाँस से मारो'। वैसे गिरिराज सिंह अक्सर विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। गिरिराज ने मत्स्य पालन मंत्रालय की 'मांग' पर राहुल को घेरा । कल देशभर में किसान करेंगे ‘रेल रोको’ आंदोलन
Suniye Sach। क्या बीजेपी बिहार चुनाव में मुद्दाविहीन है? और मुंगेर हिंसा से किसको कितना होगा नफ़ा-नुक़सान? फ्रांस में एक और गला काटा गया! देखिए सभी ख़बरों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बिहार चुनाव में धारा 370, राम मंदिर का जिक्र किया तो तभी साफ हो गया था कि बिहार में बीजेपी के पास लोगों से वोट मांगने के लिए ऐसे ही मुद्दे बचे हैं।
चुनाव होते ही बीजेपी को जिन्ना का भूत सताने लगा । आतंकी दिखने लगे । क्या बीजेपी को नीतीश के काम पर भरोसा नहीं है ? देखे आशुतोष के साथ चर्चा - विजय त्रिवेदी, शैलेष, समी अहमद, वली रहमानी, हर्षवर्धन ।Satya Hindi
गिरिराज सिंह ने कभी खूंखार माने जाने वाले रणबीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की बरसी पर उन्हें शहीद बताते हुए ‘कोटि कोटि नमन’ का ट्वीट क्यों किया?
बेगूसराय में मुक़ाबला बेहद रोचक है। कन्हैया कुमार, तनवीर हसन और गिरिराज सिंह के बीच हो रहे इस जोरदार मुक़ाबले में दिनकर के द्वंदगीतों की गूंज सुनाई दी।
जातीयता, साम्प्रदायिकता, राष्ट्रीयता, ग़रीबी, बेरोज़गारी आदि मुद्दों के बीच कौन जीतकर निकलेगा, यह बेगूसराय के लिए ही नहीं पूरे भारत के वैचारिक विमर्श का दिशा सूचक होगा।
बेगूसराय अब मार्क्स और लेनिन में नहीं, महादेव और शैलपुत्री में ज़्यादा विश्वास करता है। बेगूसराय के चुनाव में वामपंथी और भूमिहार समाज अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहा है।