Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। रिपोर्ट : ICMR ने विज्ञान का इस्तेमाल मोदी के एजेंडे के लिए किया। दूरसंचार क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट से 100% विदेशी निवेश की छूट।
कोरोना की दूसरी लहर की तबाही के लिए क्या राजनीतिक एजेंडा ज़िम्मेदार है? न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आईसीएमआर के लिए शोध करने वालों ने इस पर बड़ा खुलासा किया है।
क्या कोरोना वायरस पानी में भी सक्रिय रहता है और यदि ऐसा है तो यह कितना बड़ा ख़तरा हो सकता है? यूपी में पानी के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद यह नयी चिंता पैदा हुई है।
आईसीएमआर ने कहा है कि कोवैक्सीन की खुराक से शरीर में उतनी एंटी-बॉडी नहीं बनती है जितनी कोविशील्ड की। कोवैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद पर्याप्त मात्रा में एंटी-बॉडी बनती है जिससे कि शरीर कोरोना वायरस से लड़ सके।
अब मौजूदा आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजेन टेस्ट के अलावा दूसरे छह उपकरणों से कोरोना की जाँच की जा सकेगी। ऐसे किट्स से हुई जाँच के नतीजों को सत्यापित करने की ज़रूरत नहीं होगी।
कोरोना पॉजिटिव का सरकारी आँकड़ा मई तक भले ही क़रीब दो लाख रहा हो पर आईसीएमआर सीरो सर्वे के अनुसार, तब तक देश में 64 लाख से ज़्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो गये होंगे।
देश में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या दो लाख के पार हो गई है और दुनिया में भारत सातवें नंबर पर आ गया है, लेकिन अभी भी देश में संक्रमण शिखर पर नहीं पहुँचा है। यानी संक्रमण के मामले अभी काफ़ी ज़्यादा आएँगे।
भारत में कोरोना वायरस कितनी ख़तरनाक स्थिति तक फैल चुका है, इसकी जाँच इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने शुरू कर दी है। इसकी पहली रिपोर्ट भी आ गई है।