अर्थव्यवस्था की ख़राब हालत पर फँसीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब प्याज की बढ़ती क़ीमतों पर अजीबोगरीब बयान देकर फँस गई हैं। ट्विटर पर भी उनको ज़बरदस्त निशाना बनाया जा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मंदी की बात से इनकार तो किया ही है, उन्होंने कहा कबी मंदी हो ही नहीं सकती। पर ख़ुद सरकारी आँकड़े उनकी बात को झूठ साबित करते हैं।
निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के लिए पिछली सरकार को ज़िम्मेदार बता दिया है। क्या सिर्फ़ दूसरे को दोष देकर समस्या का समाधान हो जाएगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे ख़राब था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकल प्रभाकर ने एक लेख में नरेंद्र मोदी सरकार, बीजेपी और संघ की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की है।
भारत की अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में अफरा-तफरी है। बेरोज़गारी रिकॉर्ड स्तर पर है। विनिर्माण क्षेत्र की हालत ख़स्ता है। क्या ऐसी अर्थव्यवस्था को बचा पाएँगी निर्मला सीतारमण? देखिए आशुतोष की बात में वरिष्ठ पत्रकार शैलेश से चर्चा।
अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कई घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि सुधार लगातार चलते रहने वाली प्रक्रिया है और व्यापार करने के अनुकूल माहौल बनाने का प्रयास अभी भी जारी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुधारों का एलान करते हुए कहा कि यह सतत प्रक्रिया है और जारी रहेगी। व्यापार को और सुगम बनाने के लिए कई स्तर पर कदम उठाए जाएँगे।