सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति को लेकर फिर से केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। इसने सवाल उठाया है कि चुनिंदा नियुक्ति क्यों की जा रही है? पिछले हफ़्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेताया था कि वह अदालत के धैर्य की परीक्षा न ले।
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस सॉफ्टवेअर जासूसी मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि वह एफ़िडेविट जमा कर यह बताए कि किस एजेंसी को इसका अधिकार था और यह जासूसी अधिकृत थी या नहीं।
कोरोना से जुड़े मौत के किन मामलों में मौत का कारण कोरोना को माना जाएगा, इस पर सरकार ने स्थिति अब साफ़ कर दी है। इसने हलफ़नामा देकर सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इसको लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सेना में महिलाओं के पर्मानेंट कमीशन पर ऐतिहासिक फ़ैसला आया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि महिलाओं को भारतीय सेना में पर्मानेंट कमीशन मिलेगा और एनडीए में शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से सरकार पर काफ़ी दबाव था।
ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों को भरने में देरी और ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट पारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर सरकार के रवैये को देखते हुए इसने कहा कि सरकार धैर्य की परीक्षा ले रही है।
चीफ जस्टिस एन वी रामन्ना ने कहा कि मीडिया का एक हिस्सा हर चीज़ को सांप्रदायिक रंग दे देता है। यह बात उन्होंने तबलीगी जमात और कोरोना वायरस से जुड़ी खबरों के मामले में कही। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों से देश का नाम खराब होता है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि समाचार माध्यमों में जिम्मेदारी गायब होती जा रही है। आलोक जोशी के साथ रामकृपाल सिंह, एन के सिंह, आशुतोष और हर्षवर्धन त्रिपाठी।
नफ़रत नहीं फैलानी की सुप्रीम कोर्ट की नसीहत किसको? दिल्ली दंगे में जांच को लेकर फिर पुलिस को लगी फटकार। तालिबान की वापसी पर खुश होने वालों पर क्यों भड़के नसीरुद्दीन? दिनभर की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण-
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ‘ख़बरों को सांप्रदायिक रंग देने से देश का नाम ख़राब होता है’ । CJI : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म केवल ‘शक्तिशाली आवाज़ो’ का जवाब देते
सोशल मीडिया से लेकर कुछ वेब पोर्टल्स और ख़बरिया चैनलों में दिखाई जा रही ख़बरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है और कहा है कि इनमें सांप्रदायिक टोन दिखती है।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को छठे एम. सी. छागला स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा कि सूचना व जानकारी के लिए सरकार पर निर्भर रहना ठीक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट यूनिटेक लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर अजय चंद्रा और संजय चंद्रा के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि तिहाड़ जेल अपराध को अंजाम देने के लिए क़रीब-क़रीब एक अड्डा बन गया है।
भारत के लगभग सभी राज्यों में सत्ता में बैठे राजनीतिक दल पर यह आरोप लगता है कि वह पुलिस का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों की आवाज़ को दबाने के लिए करता है।
सीजेआई एन.वी. रमना ने जांच एजेंसियों से पूछा है कि वे कारण बताएं कि आख़िर 10-15 सालों से मुक़दमे क्यों लंबित हैं और इनमें चार्जशीट फ़ाइल क्यों नहीं की गई है।