जम्मू कश्मीर में आख़िर आतंकवादी हमले रुक क्यों नहीं रहे हैं? एक के बाद एक क्यों लोगों को निशाना बनाया जा रहा है? एक घंटे के भीतर आतंकवादियों ने तीन लोगों को मार डाला।
कुछ रिपोर्टें हैं कि जम्मू कश्मीर में हाल में आतंकवादी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं? क्या यह सब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर है? क्या तालिबान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी में गहरे संबंधों का नतीजा है?
सुरक्षा बलों ने रविवार को घुसपैठ की कोशिश रोकने के तहत कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास बड़ी कार्रवाई की, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए और एक सैनिक शहीद हो गया।
सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पास एक मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन हिज़बुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर सैफुल्लाह को मार गिराया है। राज्य पुलिस ने कहा है कि यह उनकी बड़ी कामयाबी है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। इससे राज्यपाल के प्रशासन पर तो सवाल उठता ही है, यह प्रश्न भी उठता है कि बीजेपी आतंकवादियों के निशाने पर क्यों हैं।
ऐसे समय जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान ने सरकार पर हमले रोक दिए हैं और भारत-चीन सीमा तनाव चरम पर है, पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की नई रणनीति तैयार की है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पुराने दिन एक बार फिर लौट रहे हैं। गुरुवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने श्रीनगर में एक वकील को गोली मार दी, जिन्हें अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
उस बच्चे का एक वीडियो सामने आया है जो तसवीरों में उस मृत व्यक्ति के ख़ून से लथपथ शव के पास दिखा था। इसमें बच्चा उस घटना के बारे में बयाँ कर रहा है कि उस व्यक्ति पर किसने गोली चलाई।