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प्रतीकात्मक तसवीर।

कश्मीर: आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित सहित 3 को मार डाला

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में तीन अलग-अलग आतंकवादी हमलों में मंगलवार को एक केमिस्ट सहित तीन लोग मारे गए। मारे गए लोगों में केमिस्ट के अलावा एक रेहड़ी वाला और कैब का चालक शामिल हैं। केमिस्ट कश्मीरी पंडित थे और तीन दशक पहले जब आतंकवाद अपने चरम पर था तब भी वह वहीं डटे रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हत्या की निंदा की है।

उन्होंने ट्वीट किया, 'कैसी दुखद ख़बर है! वह बहुत सज्जन आदमी थे। मुझे पता चला है कि उग्रवाद के शिखर पर होने के दौरान भी वह कभी छोड़कर नहीं गए और अपनी दुकान खुली रखी। मैं इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ और उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।'

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि आतंकवादियों ने मंगलवार शाम को श्रीनगर के इक़बाल पार्क क्षेत्र में बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू पर गोलियां चलाईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बाद इलाक़े की घेराबंदी कर दी गई है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी जारी है। 

रिपोर्ट है कि बिंदरू एक कश्मीरी पंडित हैं और 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम पर होने व कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाए जाने के बाद भी उन्होंने कश्मीर को नहीं छोड़ा। यह वह समय था जब जम्मू कश्मीर से बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित पलायन कर देश के दूसरे हिस्सों में गए थे और फिर कभी वे लौटकर वापस नहीं गए। 

इक़बाल पार्क की घटना के बाद आतंकवादियों ने श्रीनगर के लाल बाज़ार में हमला किया और एक रेहड़ी वाले की हत्या कर दी। पुलिस ने उनकी पहचान वीरेंद्र पासवान के रूप में की है। पुलिस ने बताया कि बिहार के भागलपुर का रहने वाला वह शख्स श्रीनगर के जदीबल इलाक़े में रहता था। 

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एक घंटे के भीतर तीसरे आतंकी हमले में बांदीपोरा में आतंकवादियों ने एक और नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। उस शख्स की पहचान इलाक़े के एक टैक्सी स्टैंड के अध्यक्ष मोहम्मद शफी के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि तीनों हमले की जगहों की घेराबंदी कर दी गई है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाश की जा रही है।

शनिवार को आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों से कथित संबंधों के लिए माजिद अहमद गोजरी और मोहम्मद शफी डार की हत्या कर दी थी। रेसिस्टेंस फ्रंट ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली थी।

इससे पहले आतंकवादी बीजेपी के कई नेताओं की भी हत्या कर चुके हैं। इसी साल जून महीने में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने नगर पार्षद राकेश पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिस समय हमला किया गया उस वक़्त सुरक्षाकर्मी साथ नहीं थे। 

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पिछले साल अगस्त महीने के आसपास चार ऐसे हमले हुए थे जिनमें बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया गया था। बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के बडगाम ज़िला अध्यक्ष अब्दुल हमीद नजार पर 10 अगस्त 2020 को तब हमला हुआ था जब वह मॉर्निंग वाक पर निकले थे। उससे पहले छह अगस्त को कुलगाम ज़िले में आतंकवादियों ने बीजेपी सरपंच सज्जाद अहमद खांडे की काजीगुंड में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे एक दिन पहले ही आतंकवादियों ने कुलगाम ज़िले के ही अखरान के बीजेपी सरपंच आरिफ़ अहमद पर हमला कर दिया था। पिछले साल जुलाई में बांदीपोरा ज़िला में पूर्व बीजेपी ज़िला अध्यक्ष वसीम बारी, उनके पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। 
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क़मर वहीद नक़वी

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