संघ और बीजेपी के सर्वोच्च नेताओं की लगातार बैठकों के बाद ये दावा किया गया था कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को लेकर उठा विवाद सुलझा लिया गया है। लेकिन पार्टी नेताओं के परस्पर विरोधी बयान बताते हैं कि झगड़ा जारी है और सब कुछ ठीक नहीं है।
आज़ादी के तत्काल बाद से ही यूपी की सत्ता के गलियारे ब्राह्मण नेतृत्व की चकाचौंध से जगमगाते रहे हैं। केंद्र में जवाहरलाल नेहरू और प्रदेश में गोविंदबल्लभ पंत ब्राह्मण दंड-ध्वजा को सहेजने वाले राज नेता के रूप प्रतिध्वनित होते रहे हैं।
उत्तर प्रदेश बीजेपी में अंदरुनी हलचल के बीच बीजेपी ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ भी शुरू कर दी है। बीजेपी के नेताओं की अपना दल और निषाद समाज के नेताओं के साथ बातचीत चल रही है।
योगी दिल्ली तलब । अमित शाह से मुलाक़ात । योगी सुलह के लिये तैयार ? आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, अंबरीष कुमार, सिद्धार्थ कलहंस, ऋषि मिश्रा, शरद गुप्ता और आलोक जोशी ।
योगी आदित्यनाथ के अचानक दिल्ली आने का क्या मतलब है? आरएसएस के हस्तक्षेप के बाद बनेगी बात? देखिए दिनभर की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ-
जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने से पार्टी का कुछ फायदा होगा? पश्चिमी यूपी में अखिलेश यादव कर रहे हैं किलेबंदी, क्या ऐसे मिलेगी कुर्सी? अनूप पांडेय के चुनाव आयुक्त बनने पर सवाल क्यों? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास इस वक्त दो लक्ष्य हैं- पहला साल 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘हैट-ट्रिक’ और दूसरा साल 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष मनाना यानी ‘राष्ट्र को परम वैभव’ तक पहुंचाना।