देश के डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। किसान आंदोलन के बाद अब यह डॉक्टर आंदोलन शुरू हो गया है। इन दोनों आंदोलनों का आधार ग़लतफहमी है। इस ग़लतफहमी का कारण किसान और डॉक्टर नहीं है़।
किसान आंदोलन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रडो की प्रतिक्रिया के बाद भारत के विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा कनाडा द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संवाद का भी बहिष्कार कर दिया गया है।
दिल्ली की जनता को फल और सब्जियां मिलना मुहाल हो रहा है और सैकड़ों ट्रक सीमा के नाकों पर खड़े हुए हैं। इससे किसानों को भी नुकसान हो रहा है और व्यापारी भी परेशान हैं।
ईरान के परमाणु-वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीजाद की हत्या एक ऐसी घटना है, जो ईरान-इस्राइल संबंधों में तो भयंकर तनाव पैदा करेगी ही, यह बाइडन-प्रशासन के रवैए को भी प्रभावित कर सकती है।
ट्रांसपेरेन्सी इन्टरनेशनल की ताज़ा रपट के अनुसार एशिया में सबसे अधिक भ्रष्टाचार यदि कहीं है तो वह भारत में है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इससे गंदा प्रमाण-पत्र क्या मिल सकता है?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डाॅ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में तीन कमेटियां बना दी हैं, जिनका काम पार्टी की अर्थ, सुरक्षा और विदेश नीतियों का निर्माण करना है।
दुनिया के सबसे बड़े साझा बाज़ार (रिसेप) की घोषणा वियतनाम में हो गई है। इसमें 15 देश शामिल होंगे और अगले दो वर्ष में यह चालू हो जाएगा। साझा बाज़ार का अर्थ यह हुआ कि इन सारे देशों का माल-ताल एक-दूसरे के यहाँ मुक्त रूप से बेचा और खरीदा जा सकेगा।
कुछ दिन पहले भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन का अध्यक्ष चुना ही गया था, अब उससे भी बड़ी और अच्छी ख़बर आई है। वह यह है कि यह संगठन आयुर्वेद का एक विश्व केंद्र भारत में स्थापित करेगा।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा बुनियादी सवाल खड़ा कर दिया।
अमेरिकी चुनाव में किसकी जीत भारतीयों के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद होगी- डोनल्ड ट्रंप की या फिर जो बाइडन की? और इनमें से किससे भारत को ज़्यादा नुक़सान होगा?
मथुरा के एक मंदिर में नमाज़ पढ़ने के अपराध में पुलिस चार नौजवानों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है। क्या अमीर खुसरो, रसखान, ताजबीबी, आलम और नज़ीर जैसे कृष्णभक्तों को आप क्या फाँसी पर लटकाना चाहेंगे?
चुनाव आयोग यह तो ठीक कर रहा है कि वह नेताओं पर उंगली उठाता है लेकिन उसे सख्त क़दम तभी उठाना चाहिए जबकि वाकई कोई नेता बहुत ही आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करे।