कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि भीड़ ने दुर्गा पूजा के पंडालों पर हमला किया, पत्थर फेंके और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की।
तालिबान ने 15 अगस्त को दहशत फैलाकर काबुल पर क़ब्ज़ा जमाया, चुनी हुई सरकार खत्म हो गई। महिलाओं पर तालिबान जुल्म बढ़ता ही जा रहा है। जब अफ़ग़ानों का ही तालिबान पर भरोसा नहीं तो दुनिया कैसे करेगी?
ऑस्ट्रेलिया से पनडुब्बी क़रार खत्म होने के बाद फ्रांस ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से राजदूत वापस बुला कर किसी नए विश्व समीकरण का संकेत दिया है? क्या है मामला?
तालिबान ने जब अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाया तो उसको समर्थन व मान्यता देने की सबसे पहले बात कहने वालों में से चीन भी एक था। अब तालिबान ने चीन से दोस्ती का इजहार कर तालिबान ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
तालिबान ने इस बात का खंडन किया है कि मुल्ला अब्दुल ग़नी बरदार की हत्या कर दी गई है। मुल्ला हबीतुल्लाह अखुंदज़ादा के नाम से एक बयान जारी किया गया है। पर यह पता नहीं चल सका है कि वे कहाँ हैं।