पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
पहले चरण का मतदान । दाँव पर 71 सीटें । तेजस्वी क्या बड़ा उलटफेर करेंगे या ग़ुब्बारा साबित होंगे ? आशुतोष के साथ चर्चा में सबा नकवी, जयशंकर गुप्ता, कन्हैया भेलारी, गिरधारीलाल जोशी और आलोक जोशी ।
नीतीश लगातार अलोकप्रिय हो रहे हैं। बीजेपी ने अपने पोस्टर में नीतीश को जगह नहीं दी। तो क्या बीजेपी के लिये नीतीश बोझ हो गये हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में नीरजा चौधरी, शरत प्रधान, सतीश के सिंह और आलोक जोशी ।
तेजस्वी ने कहा कि 10 लाख नौकरी देंगे। नीतीश-बीजेपी ने मजाक उड़ाया। अब बीजेपी 19 लाख नौकरी देगी। सवाल है कि तेजस्वी की नक़ल क्यों कर रहा एनडीए? क्या हवा बदल रही है? आशुतोष के साथ चर्चा में अजीत अंजुम, कमर वहीद नकवी, उर्मिलेश।
अमेरिका सिखायेगा ट्रंप को सबक़? ट्रंप बाइडन से लगातार पीछे चल रहे हैं? सारे सर्वे उनके हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं? क्या वो हार चुके हैं राष्ट्रपति का चुनाव? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी और स्मिता शर्मा!
क्या अमेरिका को चीन ने पछाड़ दिया है? क्या कोरोना ने अमेरिका की कमर तोड़ दी है? क्या है चीन के आगे बढ़ने का राज? आशुतोष के साथ चर्चा में- पूर्व सचिव, विदेश मंत्रालय विवेक काटजू और आलोक जोशी।
रेटिंग एजेंसी बार्क ने तीन महींने के लिये रेटिंग बंद कर दी है! तो टीवी की सारी गंदगी ख़त्म? अकेले अर्णब ही ज़िम्मेदार? बाकी सब दूध के धुले? आशुतोष के साथ चर्चा में हैं- आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, विनोद कापड़ी, तस्लीम ख़ान, मनीषा पांडे।
क्या कोई टीवी देख किसी को जान से मार सकता है या जान से मारने की धमकी दे सकता है ? क्या कोई पुलिस कमिश्नर को भी धमकी दे सकता है ? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, शाहिद सिद्दीक़ी और दीपक बाजपेयी।
रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाऊ पर दिल्ली हाईकोर्ट में मुक़दमा दर्ज किया गया है। फ़िल्म इंडस्ट्री के सारे बड़े लोग इस याचिका में शामिल हैं। आशुतोष के साथ आभा सिंह, कुनिका सदानंद और आलोक जोशी।
सुशांत सिंह राजपूत और बाद में कंगना रनौत के मामले में मीडिया ने शिवसेना और उनकी सरकार को जमकर घेरा। अब रिपब्लिक टीवी का नाम टीआरपी घोटाले में आने के बाद यह कहा जा रहा है कि शिवसेना हिसाब चुकता कर रही है। क्या वाक़ई में?
ख़बरों के पीछे की ख़बरों का सच। सिर्फ़ समाचार नहीं, पूरी हकीकत। न्यूज़ का सटीक विश्लेषण। ज्वलंत मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष की राय। सत्य हिंदी के लिए।
हाथरस की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। क्यों होती हैं इस तरह की घटनायें? क्यों दलित समाज है सवर्ण जातियों के निशाने पर? क्या है बर्बरता के असली कारण? दलित और सवर्ण समाज के बीच क्या बदल रहा है?
ऐसा लगता है कि अब देश को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि बाबरी मसजिद कभी गिरी ही नहीं। एक झूठ जो 6 दिसंबर 1992 से बोला जा रहा था, उस पर अब अदालत की भी मुहर लग गयी।
महज़ पाँच घंटे में नौसिखिये बाबरी मस्जिद गिरा सकते थे? क्या सीबीआई ने अदालत में नहीं रखे साक्ष्य? आखिर कोर्ट ने क्यों कहा कि बाबरी ध्वंस के पीछे साजिश नहीं थी?
हाथरस में दलित लड़की से गैंग रेप होता है। उसकी जीभ कट जाती है। शरीर का ऊपरी हिस्सा पैरालाइज हो जाता है। अब योगी सरकार कह रही है कि रेप हुआ ही नहीं। क्यों इतनी बेशर्मी ? आशुतोष ने चर्चा की विजय त्रिवेदी, ताहिरा हसन, घनश्याम तिवारी, सिद्धार्थ कलहंस से।
बिहार में नीतीश को लगातार 15 साल हो गये सत्ता में। क्या कोरोना, आर्थिक बर्बादी, बेरोज़गारी जैसे मुद्दे नीतीश की क़िस्मत तय करेंगे? क्या विपक्ष नीतीश को हरा पायेगा? आशुतोष ने बात की CSDS के डायरेक्टर संजय कुमार से।
बिना विपक्ष, बिना बहस श्रम कानून पास। विपक्ष की आपत्ति दरकिनार! मोदी सरकार को संसद की ज़रूरत क्यों? आशुतोष के साथ चर्चा में कमर वहीद नकवी और श्रवण गर्ग!